हाथरस गैंगरेप: पुलिस ने कराया पीड़िता का अंतिम संस्कार, विरोध करते रहे परिजन
परिवार वालों की ओर से लगातार न्याय की मांग की जा रही है, इससे पहले परिवार ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
हाथरस: मंगलवार देर रात हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव गांव पहुंचा और परिवार और गांव वालों के भारी विरोध के बीच पीड़िता का अंतिम संस्करा कराया गया। मगर जब आधी रात को पीड़िता का शव गांव पहुंचा था तो गुस्साए गांव वाले अंतिम संस्कार को राजी नहीं थे।
लेकिन गांव वालों के भारी विरोध के बावजूद पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। लोगों के गुस्से को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनात है। परिवार वालों की ओर से लगातार न्याय की मांग की जा रही है, इससे पहले परिवार ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
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पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार
इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। पहले ही यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार करना चाहती है। परिजन कह रहे हैं कि एक बार घर ले जाने दो। कितनी हैवानियत पर उतर आई है सरकार।"
गैंगरेप पीड़िता का शव रात में 12:45 हाथरस पहुंचा। एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया। एंबुलेंस पीड़िता के गांव के पास रात 2:35 बजे तक रुकी रही। लेकिन रात में 2:45 बजे बार-बार असफल प्रयासों के बाद पुलिस ने एम्बुलेंस को अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया। इसके बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। पीड़िता के पिता और भाई के साथ डीएम और एसपी थे। पीड़िता का शव लेकर जब एंबुलेंस जब गांव पहुंची तो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
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पुलिस दाह संस्कार के लिए परिजनों को समझा बुझाकर राजी कर ली। एसपी और डीएम ने पीड़िता के पिता को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की पूरजोर कोशिश की। इसके बाद 2:45 बजे भारी पुलिस तैनाती के बीच पीड़िता का दाह संस्कार कर दिया गया।
परिवार की मांग
परिवार न्याय चाहता हैं। इसलिए शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहा था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को पीड़िता की मौत के बाद लोगों का गुस्सा देखने को मिला। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग आवाज उठा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में यूपी की योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाया हैं। पीड़िता के भाई का आरोप था कि पुलिसवालों ने एंबुलेंस तक नहीं मंगाई। बहन जमीन पर लेटी हुई थी। पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ। ये बहाने बनाकर लेटी हुई है। पीड़िता के भाई का आरोप था कि एफआईआर दर्ज करने में 8-10 दिन लगा दिए। और काफी विरोध-प्रदर्शन के चलते आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया।
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पूरा मामला
हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर की सुबह युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा काट रही थी। चारा काटते-काटते वह अपनी मां से थोड़ी दूरी पर जा पहुंची। इसी बीच गांव के ही चार युवक लड़की को उसके दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए। जहां उन चारों ने उसके साथ दरिंदगी को अंजाम दिया। आरोपियों ने लड़की को बुरी तरह पीटा और मरा हुआ समझ कर भाग गए। लड़की की मां अपनी बेटी को ढूंढते हुए वहां पहुंचीं तो घटना का पता चला। लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 15 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई।