इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा उठाये गये कदमों से हाईकोर्ट नाखुश

कोर्ट ने उम्मीद जाहिर की है कि जिला प्रशासन विश्वविद्यालय को जरूरी सहयोग देगा ताकि परिसर अपराध मुक्त हो सके। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर रजिस्ट्रार की व्यक्तिगत उपस्थिति माफ कर दी है। अगली सुनवाई पांच जुलाई को विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

Update: 2019-05-17 14:40 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय परिसर को अपराधियों से मुक्त करने के लिए उठाये गये कदमों पर नाखुशी जाहिर की है।

कोर्ट ने कहा कि जो प्रयास किये गये हैं यह नाकाफी है। विश्वविद्यालय और प्रशासन गंभीरता से प्रयास करे। विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि उसने छात्रावासों के 407 कमरों को सील कर दिया गया है। इनकी मरम्मत का काम हो रहा है जो शीघ्र पूरा हो जायेगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय यह प्रयास करेगा कि हास्टलों में कोई अनाधिकृत कब्जा न करने पाए।

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कोर्ट ने उम्मीद जाहिर की है कि जिला प्रशासन विश्वविद्यालय को जरूरी सहयोग देगा ताकि परिसर अपराध मुक्त हो सके। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर रजिस्ट्रार की व्यक्तिगत उपस्थिति माफ कर दी है। अगली सुनवाई पांच जुलाई को इलाहाबाद विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

उल्लेखनीय है कि पीसीबी छात्रावास में पूर्व छात्र रोहित शुक्ला की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका कायम की है। कोर्ट इलाहाबाद विश्वविद्यालय और प्रशासन के अधिकारियों को छात्रावास में अपराध मुक्त वातावरण बनाने का निर्देश दिया था।

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