सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों की यूपी में एंट्री, अब बॉर्डर पर निजी वाहन सील

केंद्र सरकार द्वारा देश में लाकडाउन-4.0 लागू होने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में लाॅकडाउन सख्ती से लागू किया जाए।

Update:2020-05-17 21:14 IST

लखनऊ: केंद्र सरकार द्वारा देश में लाकडाउन-4.0 लागू होने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में लाॅकडाउन सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के अनुसार कार्ययोजना बनाई जाए। प्रदेश में नया निवेश आकर्षित करने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाए।

इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों को बड़े स्तर पर रोजगार देने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। सीएम ने निर्देश दिए है कि पटरी दुकानदारों को अगले तीन दिनों में आर्थिक पैकेज का लाभ दिया जाये। उन्होंने बताया कि एमएसएमई को 2002 करोड़ रुपए दिए जा चुके है।

श्रमिकों को लेकर 87 ट्रेन और आ रही हैं

यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने रविवार को यह जानकारी देते हुए दावां किया कि लाकडाउन के दौरान यूपी में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर आये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 522 ट्रेन के माध्यम से लगभग 6,65,369 प्रवासी कामगार व श्रमिक आये हैं। रविवार को अन्य प्रदेशों से कामगारों व श्रमिकों को लेकर 87 ट्रेन और आ रही हैं। लगभग 250 और टेªनों की सहमति दे दी गई है।

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उन्होंने बताया कि कल रिकार्ड 1.50 लाख लोग प्रदेश में आये हैं। इस प्रकार अब तक प्रदेश में 16.50 लाख से अधिक कामगार व श्रमिक प्रदेश में आये हैं। अवस्थी ने इसका ब्यौरा देते हुए बताया कि गोरखपुर में अब तक 79 ट्रेन से 92,298 कामगार एवं श्रमिक आये हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा और राजस्थान से प्रतिदिन 150 से 200 बसें चलाई जा रही हैं। लखनऊ में 45 ट्रेन के माध्यम से 55 हजार लोग आए हैं। वाराणसी में 27 ट्रेन आ चुकी हैं। गोण्डा में 37 टेªन, उन्नाव और बस्ती में 20-20 टेªन जबकि अयोध्या में 16 व आजमगढ़ में 15 टेªन आ चुकी हैं।

श्रमिकों के किराये का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है

उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को लाये जाने के लिए यूपी सरकार द्वारा चलाई जा रही ट्रेन में श्रमिकों के किराये का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग को कल तक 6 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है तथा 20 करोड़ रुपये और भुगतान शीघ्र कर दिया जायेगा।

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उन्होंने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 250 ट्रेन से 3,35,000 लोग, महाराष्ट्र से 121 टेªन से 1,50,000 लोग, पंजाब से 91 टेªन से 01 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं। तेलंगाना से 07, केरल से 06, तमिलनाडु से 05, आन्ध्र प्रदेश से 02, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 15, गोवा से 02 ट्रेन प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली से 11 टेªन प्रतिदिन प्रदेश के विभिन्न भागों में आयेगी।

यूपीएसआरटीसी की 10 हजार बसों के माध्यम से प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को उनके गृह जनपद में भेजने की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य से पहली ट्रेन प्रदेश में आई है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों तथा उड़ीसा से शीघ्र ही ट्रेन चलाये जाने की व्यवस्था की जा रही है।

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अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि जिला प्रशासन को प्राइवेट वाहनों को अधिकृत करने के निर्देश दिए गये हैं। सभी जिलाधिकारियों को 200 से अधिक ऐसे वाहनों को अधिकृत करने के निर्देश दे दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जनपद में कोई पैदल यात्रा न करे। प्रवासी कामगार व श्रमिक स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल या अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। सरकार समस्त प्रवासी श्रमिकों व कामगारों के लिए सुरक्षित यात्रा के लिए पर्याप्त बस और टेªन की व्यवस्था कर रही है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 72 जनपदों में 1805 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 2444 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। आरोग्य सेतु ऐप का निरन्तर उपयोग करते हुए अलर्ट जनरेट होने पर सम्बंधित को कन्ट्रोल रूम से फोन किया जा रहा है।

इस प्रकार अब तक 11 हजार से अधिक लोगों से फोन काॅल कर सम्पर्क किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 78,576 सर्विलांस टीमों के माध्यम से 64,36,236 घरों में रह रहे 3,19,38,412 लोगों का सर्विलांस किया गया है। उन्होंने बताया कि होम क्वारेंटाइन किये गये प्रवासी मजदूरों एवं कामगारों के घर जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में आशा वर्कर्स जानकारी ले रही हैं। अभी तक 3,72,000 से अधिक लोगों के बारे में आशा वर्कर्स द्वारा जानकारी ली गई है, इनमें 414 ऐसे लोग पाये गये हैं जिनमें सांस लेने में समस्या, इन्फ्लुएन्जा आदि जैसे लक्षण मिले हैं जिन्हें उपचार के लिए हाॅस्पिटल भेजा जा रहा है।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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