Jeeva Murder Case: हर एक चीज से वाकिफ था शातिर विजय, मोबाइल में नहीं मिला सिम, वाईफाई से चलाता था इंटरनेट
Jeeva Murder Case: गैंगस्टर संजीव जीवा को लखनऊ के कोर्ट में मारने वाले विजय के पास मिले मोबाइल में कोई सिम नहीं मिला। अब पुलिस सर्विलांस की मदद से यह पता कर रही है कि इसमें कौन-कौन से सिम इस्तेमाल हुए हैं। विजय वाईफाई की मदद से इंटरनेट चलाता था। पुलिस इसकी छानबीन में जुटी है।
Jeeva Murder Case: गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड में पुलिस को अभी कुछ खास हाथ नहीं लगा है। पुलिस शूटर विजय से कई राज उगलवाने में लगी है, जैसे कि हत्या किसके इशारे पर किया गया, हत्या के लिए पिस्टल कहां से मिली, इस हत्या में और कौन-कौन उसका मददगार था जैसे कई सवाल हैं? जिसपर पुलिस की जांच जारी है। वहीं विजय यादव के पास से जो मोबाइल मिला है उसमें सिम गायब है। आशंका जताई जा रही है कि जीवा की हत्या से पहले ही विजय ने सिम को नष्ट कर दिया था।
सिम का सच सामने लाने के लिए पुलिस अब सर्विलांस टीम की मदद से पता कर रही है कि आखिर इस मोबाइल में कौन-कौन से सिम इस्तेमाल किए गए और तब उनकी कॉल डिटेल निकाली जाएगी, जिससे इस हत्याकांड से जुड़े कई अहम सुराग मिल सकते हैं। साजिश किस तरह से रची गई थी शूटर के इस शातिर अंदाज से अंदाजा लगाया जा सकता है।
7 जून को कोर्ट के भीतर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं-
शूटर विजय यादव ने 7 जून को राजधानी के एससी-एसटी कोर्ट के भीतर जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर दी थी। इस दौरान डेढ़ साल की बच्ची, उसकी मां व तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। घटना के बाद भाग रहे विजय को वकीलों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई की थी।
सूत्रों के मुताबिक, शूटर विजय यादव के पास से जो मोबाइल बरामद हुआ है उसमें सिम ही नहीं था। इस बारे में उससे पूछताछ भी की गई थी, तब उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था। विजय ने कहा था कि सिम कहां गया उसे नहीं मालूम। वहीं मोबाइल में सिम न होने से जांच में दिक्कत हो रही है। अब सर्विलांस टीम पता कर रही है कि इस आईएमईआई नंबर पर कौन-कौन नंबर के सिम कार्ड उपयोग किए गए।
केवल वाईफाई का इस्तेमाल, फोन से डाटा डिलीट-
सूत्रों के अनुसार, साजिश के तहत विजय पिछले कुछ समय से केवल इंटरनेट कॉलिंग से ही लोगों से संपर्क करता था। विशेष कर व्हाट्सएप कॉल पर, जिसने भी उसे संजीव की हत्या की सुपारी दी वह भी उससे व्हाट्सएप कॉल के जरिए ही बात करता था।
विजय अलग-अलग जगहों पर वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल करता था। इस बारे में सर्विलांस व साइबर एक्सपर्ट की टीम गहनता से छानबीन कर रही है। वहीं यह भी सामने आया है कि विजय से जो मोबाइल बरामद हुआ है उसमें कोई डाटा नहीं मिला है। वारदात को अंजाम देने से पहले ही उसने डाटा डिलीट कर दिया। मोबाइल का डाटा रिकवर कराने की कोशिश चल रही है।
हर एक चीज से वाकिफ था शातिर विजय-
हैरत की बात है कि अभी तक विजय किसी फुटेज में नहीं दिखा है। जांच टीम ने उसके जैसे हुलिए वाले कुछ संदिग्ध जरूर चिन्हित किए हैं। ऐसे में आशंका है कि घटनास्थल तक पहुंचने वाले रूट और कोर्ट रूम तक विजय सीसीटीवी कैमरों से बचता रहा। हालांकि, अधिकतर कैमरे भी खराब मिले हैं।
रेकी कराने वाली की भूमिका बेहद अहम-
शूटर विजय को जिसने भी रेकी कराई और जानकारी दी उसकी भूमिका बेहद अहम है। इतनी बड़ी वारदात में केवल एक शूटर ने जरूर गोली बरसाई है, लेकिन इस घटना में बीच में कई लोगों की भूमिका रही होगी। उनके बारे में जांच टीमें जुटी हैं।
कोर्ट रूम में मुख्तार के करीबी गैंगस्टर की हत्या-
बुधवार को पुलिस हिरासत में लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के करीबी कुख्यात गैंगेस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर विजय ने भरी अदालत में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की। हमलावर विजय यादव ने जीवा पर पीछे से फायरिंग की थी। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी थी। घटना के बाद वकीलों ने विजय यादव को दौड़कर दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस जीवा हत्याकांड के आरोप विजय यादव से अभी कई राज उगलवाने में जुटी है। पुलिस हर बारीकी से जांच में जुटी है।