दूसरा अपहरण कांड: अगवा कर युवक की हत्या, परिजनों को पीटती रही कानपुर पुलिस

कानपुर में एक और अपहरण-हत्या का मामला सामने आने से पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गयी। 20 लाख की फिरौती मांगी गई। 12 दिन बाद ब्रजेश की लाश मिली।

Update:2020-07-28 20:30 IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश में इन दिनों अपहरण के तमाम मामले सामने आ रहे हैं। संजीत अपहरण-हत्या काण्ड के बाद फजीहत झेल रही कानपुर पुलिस को फिर बदमाशों ने चुनौती दी है। यहां मंगलवार को कानपुर देहात में एक शख्स के अपहरण हत्या कर दी गयी। उसके परिजनों से 20 लाख की फिरौती मांगी थी। इसका एक ऑडियो भी सामने आया, जिसमें अगवाकर्ता पीड़ित परिवार से फिरौती मांग रहे हैं।

कानपुर में फिर हुई अपहरण के बाद हत्या

उत्तर प्रदेश के कानपुर में संजीत अपहरण हत्या कांड का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि जिले में एक और अपहरण-हत्या का मामला सामने आने से पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गयी। दरअसल, कानपुर देहात के देवराहट थाना क्षेत्र में एक कुएं में आज एक लाश मिली। शव मिलने से हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कुएं से निकाल शिनाख्त की तो पता चला की, यहीं वहीं शख्स है जिसको 16 जुलाई को अगवा कर लिया गया था।

धर्मकांटे का कर्मचारी ब्रजेश पाल 16 जुलाई को हुआ था अगवा

बता दें कि 16 जुलाई की रात कान्हाखेड़ा गांव के पास भोगनीपुर से धर्मकांटे के कर्मचारी ब्रजेश पाल को अगवा किया गया था। परिजनों ने आसपास के इलाके में उसकी तलाश की, कुछ पता न चलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि इस मामले में भी पुलिस ने हीलाहवाली और खानापूर्ति कर परिजनों को वापस भेज दिया।

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बदमाशों ने परिजनों से मांगी 20 लाख फिरौती

ब्रजेश के घर वालों को इस दौरान कुछ लोगों ने फोन कर 20 लाख की फिरौती मांगी और पुलिस को सूचना देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। परिवार ब्रजेश के अगवा होने की बात जान सहम गया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। परिजनों ने पुलिस को अपहरणकर्ताओं से बातचीत में रिकॉर्ड ऑडियो भी सुनाया।

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पुलिस ने मौसी-बुआ के बेटों को पीटा

पुलिस को अपहरण कर्ताओं का फोन नंबर भी दिया, जिससे फिरौती के लिए कॉल आयी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर ब्रजेश के ही बुआ और मौसी के बेटों को गिरफ्तार कर जमकर पीटा। पुलिस की थर्ड डिग्री से ब्रजेश की बुआ के बेटे मुकेश का हाथ टूट गया, वहीं मौसी के बेटे अखिलेश को भी गंभीर चोट आई।

अपहरण के 12 दिन बाद मिली ब्रजेश की लाश

पीड़ित परिजन बार बार गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस उल्टा रिश्तेदारों पर ही शक की बात कर उन्हें प्रताड़ित करने लगी। 12 दिन बाद पुलिस के सारे दावे और कार्रवाई तब धरी की धरी रह गयी जब ब्रजेश की लाश देवराहट में ही एक कुएं से बरामद हुई। शव फूल जाने के कारण उसका चेहरा पहचान पाना मुश्किल था लेकिन परिजनों को सूचना मिली तो उन्होंने जाकर शव की शिनाख्त की। उसके कपड़ों से पता चला कि वह ब्रजेश पाल ही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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परिवार क आरोप है कि पुलिस की लापरवाही और निष्क्रियता से ब्रजेश की हत्या हुई। अगर वे समय रहते अपहरणकर्ताओं को मोबाइल नंबर से लोकेशन ट्रेस कर लेते तो ब्रजेश की जांच बच जाती।

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