ये हैं अयोध्या में खास! क्या आप जानते हैं इनकी मान्यताओं के बारे में
हम आपको कुछ ऐसी तीर्थ स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अयोध्या नगरी में बहुत विख्यात है। अयोध्या प्राचीनकाल से ही धर्म और संस्कृति की परम-पावन नगरी के रूप में सम्पूर्ण विश्व में विख्यात रही है।
अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या के विवादित स्थल पर अपना फैसला सुना दिया है। अयोध्या के रामजन्मभूमि विवाद केस में कोर्ट ने राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया है। कुल 38 दिनों तक चली सुनवाई के बाद आज (9 नवंबर) सुप्रीम कोर्ट ने कई मुद्दों पर सोच-विचार करके ये फैसला लिया है।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
कोर्ट ने ये भी कहा था कि, ‘विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए, 3 महीने की भीतर इसका नियम बनाए केंद्र। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश दिया।मुस्लिमों ने इस बात के सबूत पेश नहीं किए कि 1857 से पहले स्थल पर उनका ऐक्सक्लुसिव कब्जा था। 1949 तक उन्होंने वहां नमाज पढ़ा।’
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कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, ‘इस बात के सबूत नहीं हैं कि मुस्लिमों ने मस्जिद का त्याग कर दिया था। हिंदू हमेशा से मानते रहे हैं कि मस्जिद का भीतरी हिस्सा ही भगवान राम की जन्मभूमि है। यह साबित हुआ है कि मुस्लिम ढांचे के भीतर इबादत करते थे और मुस्लिम उसके बाहर पूजा करते थे।’
सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो सबके सामने आ गया। अब अगर आप अयोध्या नहीं गए हैं या फिर जाने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसी तीर्थ स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अयोध्या नगरी में बहुत विख्यात है।
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अयोध्या प्राचीनकाल से ही धर्म और संस्कृति की परम-पावन नगरी के रूप में सम्पूर्ण विश्व में विख्यात रही है। जैन धर्म के प्रणेता श्री आदिनाथ सहित पांच तीर्थंकर भी इसी परम-पावन नगरी में जन्मे थे। चीनी यात्री फाह्यान व ह्वेनसांग ने भी अपने विवरणों में इस नगरी का जिक्र किया है। अयोध्या नगरी में कुछ प्रमुख स्थल हैं, जिसके बारे में हम आपको आज बताने वाले हैं।
हनुमानगढ़ी
अयोध्या के बीचों बीच हनुमानगढ़ी में रामभक्त हनुमानजी का एक भव्य मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि, अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमानजी के दर्शन करके आशीर्वाद लेकर, फिर ही किसी अन्य मंदिर में जाना चाहिए। इसके पीछे 'राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे' वाली मान्यता दिखती है। यानी कि हनुमान जी के कृपा (आज्ञा) के बिना किसी को श्री रामजी का आशीर्वाद नहीं मिलता है।
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दिगंबर जैन मंदिर
जैन अनुयायियों के लिए भी अयोध्या नगरी पवित्र तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) का जन्म अयोध्या में ही हुआ था।
कनक भवन
अयोध्या में स्थित कनक भवन बहुत ही विशाल और भव्य मंदिर है। इस मंदिर में राम-जानकी की मूर्ति भी श्रद्धालुओं को मोहित कर देती है। श्रीराम-जानकी की प्रतिमा हर किसी का दुख हर लेती है।
ऋषभदेव की भव्य प्रतिमा
दिगंबर जैन मंदिर में स्वामी ऋषभदेव की भव्य प्रतिमा मौजूद है। वहां पर आसपास का माहौल बेहद ही शांति भरा और हर किसी को सुकून देने वाला है।
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राजा दशरथ का महल
श्रीराम चंद्र के पिता राजा दशरथ का महल भी बहुत प्राचीन और भव्य है। महल के परिसर में काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु एकजुट होकर भजन-कीर्तन करते रहते हैं।
सरयू नदी
अयोध्या में मौजूद सरयू नदी का जल एकदम साफ दिखाई देता है। अगर आप इस नदी को देखेंगे तो इसकी तलहटी साफो-साफ दिखाई देगा। पर्यटक इस नदी को नौका से पार भी करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सरयू नदी को पार करके ही श्रीराम चंद्र जंगल गए थे।
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दन्तधावन कुंड
परम-पावन नगरी अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी इलाके में ही एक बड़ा-सा कुंड है, जिसे दन्तधावन कुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड को ही राम दतौन भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि, श्रीराम चंद्र सुबह इसी कुंड के जल से अपने दांतों की सफाई किया करते थे।
श्रीराम मंदिर कार्यशाला
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए एक कार्यशाला बनाई गई है। इस कार्यशाला में विशाल पत्थरों के स्तंभों को बेहद खूबसूरती के साथ तराशा गया है, जिस पर सुंदर नक्काशी है। पर्यटक इस स्थान को भी देखने आते हैं।
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