Lucknow News: CM योगी बोले-दिव्यांगजन को उच्चशिक्षा देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनियाभर के दिव्यांगों का आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए उन्हें विकलांग से दिव्यांग शब्द दिया।

Update: 2023-12-03 07:31 GMT

लखनऊ में विश्व दिव्यांग दिवस पर बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (न्यूजट्रैक)

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनियाभर के दिव्यांगों का आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए उन्हें विकलांग से दिव्यांग शब्द दिया। कोई भी व्यक्ति अपरिपक्व की स्थिति में है तो उसके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार होना चाहिए। इसी सहानुभूति को दर्शाने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘दिव्यांग’ शब्द के उच्चारण की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस पर डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अटल आडिटोरियम में यह बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि यदि दिव्यांगजनों के कौशल की समय से पहचान हो जाए तो वे हर जौहर को दिखाने में सफल होंगे। प्रदेश में दिव्यांगजन को बाधा रहित वातावरण दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसका प्रयास हर जगह हो रहा है। यूपी परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में दिव्यांगजन की चिकित्सा के लिए 10 हजार रुपये कर दिया गया है। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं तथा मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग हर काम को बेहतरीन तरीके से कर सकता है। बस उनके प्रयासों को सही दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने 2016 में दिव्यांगजन अधिनियम लागू किया था। राज्य सरकार ने दिव्यांगजन से जुड़ी व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। यूपी सरकार अब 300 से 1000 रुपये मासिक पेंशन दे रही है। पहले 312 करोड़ की बजट में व्यवस्था थी, अब 1120 करोड़ रुपये दिव्यांगजन के लिए व्यवस्था की गयी है। कृत्रिम अंग वितरण कार्यक्रम युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन को उच्चशिक्षा देने के लिए भी सरकार कृतसंकल्पित है। इसके लिए राज्य सरकार हर स्तर पर व्यवस्था कर रही है। देश का पहला राज्य है, जहां पर दिव्यांगजनों के लिए दो-दो विश्वविद्यालय हैं। दिव्यांगजनों को जब भी अवसर मिला है, तब उन्होंने अपने कौशल को दिखाया है। स्वामी रामभद्राचार्य को कौन नहीं जानता है। जब उन्हें समय मिला तो उन्होंने अपने कौशल को दिखाया है। एशियन गेम्स और ओलंपिक में भी दिव्यांगजनों ने सबसे ज्यादा मेडल जीते थे।

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