Mayawati ने याद दिलाई 28 साल पुरानी घटना, कहा-गेस्ट हाउस कांड न होता तो देश पर सपा-बसपा गठबंधन का होता राज

Mayawati News: बसपा मुखिया ने सपा को घेरते हुए कहा कि 1995 में गेस्ट हाउस कांड के कारण सपा और बसपा का गठबंधन टूट गया था।

Update:2023-04-03 15:06 IST
Mayawati (photo: social media )

Mayawati News: प्रदेश में जल्द होने वाले निकाय चुनाव से पहले बसपा मुखिया मायावती ने सपा पर जोरदार हमला बोला है। निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर रविवार को लखनऊ में हुई पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक में मायावती ने 28 साल पहले 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से बसपा संस्थापक कांशीराम का नाम भुनाने की कोशिश की जा रही है जबकि कांशीराम के प्रति सपा की एहसान फरामोशी का इतिहास सभी को पता है।

बसपा मुखिया ने सपा को घेरते हुए कहा कि 1995 में गेस्ट हाउस कांड के कारण सपा और बसपा का गठबंधन टूट गया था। अगर सपा ने कांशीराम की सोच को अपनाते हुए गठबंधन सरकार चलाई होती तो सपा-बसपा का गठबंधन आज पूरे देश पर राज कर रहा होता। सपा-बसपा गठबंधन टूटने का सियासी फायदा उठाते हुए ही भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई।

सपा पर इसलिए हमलावर हुईं मायावती

दरअसल निकाय चुनाव की तैयारियों को तेज करने के लिए मायावती की ओर से प्रदेश कार्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों की रविवार को बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान ही मायावती ने सपा को लेकर अहम सियासी टिप्पणी की है। मायावती का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव सोमवार को रायबरेली स्थित एक कॉलेज में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से किया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय तक बसपा में रहे हैं मगर अब वे अखिलेश यादव के साथ हैं।

मायावती ने इसी प्रकरण को लेकर सपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा की ओर से कांशीराम का नाम भुनाने के लिए आज पैंतेरेबाजी की जा रही है जबकि सपा का राजनीतिक और जातिवादी द्वेष का काला इतिहास रहा है।

उन्होंने सपा पर कांशीराम के प्रति एहसान फरामोशी का बड़ा आरोप भी लगाया और इसी प्रकरण में 28 साल पुराने गेस्ट हाउस कांड की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि दलितों, अति पिछड़ों और मुस्लिम समाज के प्रति सपा की सोच हमेशा खराब रही है और सपा के इस गलत रवैए के कारण ही पहले भी सपा और बसपा का गठबंधन टूटा था।

वैसे यहां यह उल्लेखनीय है कि गेस्ट हाउस कांड के कारण पैदा हुई कटुता को भुलाते हुए पिछले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा ने हाथ मिलाया था मगर चुनाव के बाद दोनों दलों की राहें फिर अलग हो गई थीं।

सोच-समझकर उम्मीदवारों के चयन पर जोर

बैठक के दौरान मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निकाय चुनाव की पुख्ता तैयारियां करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बसपा को अपनी ताकत दिखानी है और इसलिए उम्मीदवारों का चयन काफी सोच-समझकर किया जाना चाहिए। उन्हीं उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए जो क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने वाले हों और हमेशा लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं के लिए संघर्ष करते हों।

बसपा मुखिया ने कहा कि मौजूदा समय में लोग महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और बदहाल कानून व्यवस्था से परेशान हैं और भाजपा की सरकार इन मुद्दों का समाधान करने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। केवल मुट्ठी भर लोग सत्ता सुख का आनंद ले रहे हैं और उन्हीं का विकास हुआ है।

अभियान की कमियां दूर करने का निर्देश

बैठक के दौरान मायावती ने गांव चलो अभियान की कमियां दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए पार्टी के जनाधार को और बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसलिए इस अभियान की कमियों को दूर करते हुए इसे और तेज किया जाना चाहिए।

उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहिए। बसपा मुखिया ने कहा कि मौजूदा समय में हमारा पूरा फोकस निकाय चुनावों पर होना चाहिए ताकि बसपा अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हो सके।

Tags:    

Similar News