पैसा देने के बाद भी घर नहीं पहुंच पा रहे मजदूर, इनकी दर्द भरी कहानी जान रो देंगे आप

अन्य प्रांतों से चलकर अपने घरों को जाने वाले प्रवासी मजदूरों को इस समय संकट का सामना करना पड़ रहा है और हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी वह अपनी माटी के दर्शन तक नहीं कर पा रहे हैं।

Update:2020-05-20 23:11 IST

औरैया: अन्य प्रांतों से चलकर अपने घरों को जाने वाले प्रवासी मजदूरों को इस समय संकट का सामना करना पड़ रहा है और हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी वह अपनी माटी के दर्शन तक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार की दोपहर जनपद औरैया की तहसील अनंतराम के टोल प्लाजा पर देखने को मिला। जिसमें करीब डेढ़ सैकड़ा से अधिक प्रवासी मजदूरों ने अपना दर्द बताया। उनका दर्द इतना भीषण था कि कहते-कहते उनकी आंखों से आंसू छलक आए।

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दिया मनमाना पैसा, फिर भी...

बताते चलें कि जनपद औरैया की सीमा पर लगे अनंतराम टोल प्लाजा पर बुधवार की सुबह दो गाड़ियों से भरकर करीब 150 मजदूर अपने घर बंगाल जाने के लिए निकले थे। प्रवासी मजदूरों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वह लोग दिल्ली एवं हरियाणा से चलकर अपने घरों की ओर जा रहे हैं। उन्हें जो साधन मिला अपने घरों में पहुंचने की जल्दी में वह उसी पर सवार हो गए। उसमें उनसे मनमाना पैसा भी वसूला गया और अब वह अपने घर तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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और दर्द आंखों से छलक पड़ा

बंगाल निवासी रूबेल इस्लाम ने बताया कि वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे और लॉकडाउन के चलते कंपनी ने उनकी छुट्टी कर दी। इसलिए अब अपने घर बंगाल जा रहे हैं। मगर जनपद औरैया की सीमा पर उनका ट्रक रोक दिया गया और सुबह 9:30 बजे से वे लोग यहां पर भूखे प्यासे बैठे हैं। रूबेल ने जब अपनी पीड़ा व्यक्त की तो एकाएक उसकी आंखों से आंसू छलक उठे और अपना दर्द बताते-बताते दूसरे को भी दर्द से भर दिया।

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पत्नी की तबीयत खराब

रुबेल ने बताया कि वह 2 दिन पहले दिल्ली से निकला था। इस भीषण गर्मी में वह ट्रक से इसलिए सफर कर रहा है कि उसके पास सिर्फ 4000 रुपये ही थे। उसने ट्रक के चालक को 3000 रुपये भाड़े के लिए दे दिए और अब वह ट्रक यहां से जा रहा है तो उसके पास घर जाने के लिए कोई भी पैसा नहीं बचा है। इस गर्मी में उसकी बीवी की हालत भी खराब हो गई है।

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बच्चों की तबीयत खराब

इसके अलावा बंगाल की एक महिला ने बताया कि वह हरियाणा में अपने परिजनों के साथ रहती थी और लॉकडाउन के चलते वह अपने घर वापस जा रही थी। बताया कि उसके पास इतने अधिक पैसे नहीं थे कि वह बस में सफर कर सके। इसलिए उसने ट्रक का सहारा लिया। बताया कि उसके बच्चे ने 2 दिन से नहीं नहाया है। इसलिए गर्मी में उसका हाल बेहाल है। मगर यहां का जिला प्रशासन उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रहा है।

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प्रशासन भेज रहा शेल्टर रूम

इस संबंध में एसडीएम अजीतमल रमेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 ट्रकों से लगभग 145 मजदूर आए हुए थे। जिसकी सूचना उन्होंने जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारियों को दे दी है। अब जो भी आदेश उनके लिए आएगा उसका पालन किया जाएगा। इसके अलावा बताया कि फिलहाल उन्हें शेल्टर रूम में रखने के लिए कहा गया है। जिसकी व्यवस्था की जा रही है। यह भी बताया कि फिलहाल अभी बसों का कोई इंतजाम नहीं है इसलिए बसों की सूचना भी भेजी जा चुकी है। जैसे ही उच्चाधिकारियों का आदेश प्राप्त होता है तो वह आगे की कार्यवाही करेंगे।

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रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी

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