Kanpur News: काटने की आदत न छूटी तो जू में ही कैद रहेगा ‘कालीन’, बन्दर को मिली है उम्रकैद
Kanpur News: मिर्जापुर का कालीन भैया के नाम से मशहूर कैदखाने की सलाखों के पीछे बेचैनी से टहलता देशी बन्दर जो बस अपने आसपास से गुजरने वाले हर शख्स को काट लेना चाहता है। उसकी इसी काटने की आदत के आतंक के चलते उसे उम्रकैद मिली है
Kanpur News: खाने में दिए गए केला, सन्तरा अमरूद जैसे फल और भीगे चने यहां वहां बिखरे हैं। कैदखाने की सलाखों के पीछे बेचैनी से टहलता देशी बन्दर जो बस अपने आसपास से गुजरने वाले हर शख्स को काट लेना चाहता है। उसकी इसी काटने की आदत के आतंक के चलते उसे उम्रकैद मिली है, और वह कानपुर चिड़ियाघर के छोटे से पिंजड़े में बाकी की उम्र गुजारेगा। मिर्जापुर से आने की वजह से इसका नाम मिर्जा था लेकिन जब से मिर्जापुर वेब सीरीज आई है तब से लोग इसे मिर्जापुर का कालीन भैया कहने लगे हैं।
शराब और मांस खाता था बंदर
फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है इस बंदर की कहानी, यह बंदर मिर्जापुर से पकड़ा गया था। मिर्जापुर के इस देशी बंदर कलुआ को बचपन से तांत्रिक ने पाला था। तांत्रिक के साथ रह कर यह भी शराब और मांस का शौकीन हो गया। तांत्रिक की मौत हो जाने बाद से यह शराब ठेकों पर लोगों से छीनकर शराब पीने लगा। तो वहीं मांस की तलब लगने पर इसने लोगों को काटना शुरू कर दिया और इस बंदर का आतंक फैल गया। लोग कहीं जू विभाग को सूचना, तो पुलिस को सूचना देने लगे। फिर पुलिस के लिए यह सर दर्द बन गया। इसके आतंक से पुलिस ने इसको पकड़ने के लिए वन विभाग और कानपुर जू से मदद मांगी। वन विभाग और जू की टीम ने दो दिनों की मशक्कत और करीब पैंतीस हजार के डॉट इंजेक्शन का प्रयोग करने के बाद इसे कटरा कोतवाली क्षेत्र से पकड़ा था और फिर इसे जू लाया गया।
इसे पकड़ने को प्रेमिका को बनाया ढाल
टीम के मुताबिक इसकी गिरफ्तारी भी फिल्मी अंदाज में हुई है। टीम के डॉ.नासिर ने बताया कि वहां एक बंदरिया थी। जो इसकी निगरानी करती थी। जब भी टीम इसे पकड़ने के लिए कोई जाल बिछाती तो वह शोर मचाकर इसे सतर्क कर देती तो यह भाग जाता। इसको पकड़ने के लिए टीम ने पहले बंदरिया को पकड़ने का प्लान बनाया और पहले बंदरिया को पकड़ लिया, तो वहीं अपनी प्रेमिका को बचाने के चक्कर में यह भी पकड़े गए।
कालीन भइया की क्रिमिनल हिस्ट्री में दर्ज है हत्या का मामला
ताउम्र सलाखों के पीछे रहने वाले कालीन भइया (बन्दर) की क्रिमिनल हिस्ट्री में 302 और 307 जैसी गंभीर धाराओं वाले आरोप हैं। इनके काटने से एक बच्ची की मौत तक हो गई है। इस बंदर द्वारा मिर्जापुर के अस्पताल में काटने के 350 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कई को ऐसा काटा कि सर्जरी तक की नौबत आ गई। इस बन्दर की हरकतें शोहदे से कम नहीं हैं, महिला को देखते ही अश्लील और भद्दे इशारे करता है।
वहीं इशारों से उनको बुलाकर काटने की कोशिश करता है। इसने वन रेंजर शिवराज सिंह चौहान की भतीजी का पूरा गाल ही काट लिया था। जू के पीआरओ विश्वजीत तोमर के मुताबिक पिछले छह साल में उसे सिर्फ फल और सब्जियां दी गईं हैं। लेकिन उसके स्वभाव में बदलाव नहीं है वह आज भी काटने की कोशिश करता है। यही वजह है कि इसे खुला नहीं छोड़ा जाएगा। कटखने स्वभाव के कारण जू प्रशासन इसे आजाद नहीं कर रहा है और यह बाकी समय भी सलाखों के पीछे ही रहेगा।