Moradabad News: उप निबंधक कार्यालय में फर्जी पत्रों से कराया जा रहे हैं वैवाहिक रजिस्ट्रेशन

Moradabad News: उप निबंधक कार्यालय की मिली भगत से वैवाहिक पंजीयन में धड़ल्ले से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और लोगों की वैवाहिक जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। पीड़ित पक्ष न्यायालय और थाना पुलिस के चक्कर लगाकर बेवजह परेशान हैं।

Report :  Sudhir Goyal
Update:2024-01-17 21:26 IST

Moradabad News (Pic:Newstrack)

Moradabad News: रामगंगा विहार स्थित उप निबंधक कार्यालय में फर्जी प्रपत्रों के आधार पर वैवाहिक पंजीयन किए जाने का खुला खेल जारी है। उप निबंधक कार्यालय की मिली भगत से वैवाहिक पंजीयन में धड़ल्ले से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और लोगों की वैवाहिक जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। पीड़ित पक्ष न्यायालय और थाना पुलिस के चक्कर लगाकर बेवजह परेशान हैं। ऐसा ही एक मामला उप निबंधक सदर प्रथम के कार्यालय में सामने आया है। जहां फर्जी प्रपत्र के आधार पर एक पति ने अवैध रूप से दूसरे विवाह का पंजीयन करा लिया। मामला जिलाधिकारी द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद खुला। अब उप निबंधक प्रथम कार्यालय द्वारा गोलमोल जवाब देकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

ऐसे चल रहा है खेल

दरअसल, डिंपी रस्तोगी द्वारा 10 जनवरी, 2024 को जिलाधिकारी को एक शिकायत पत्र सौंप कर कहा गया कि मोहल्ला दिलवाली निवासी उनके पति कशिश रस्तोगी सुपुत्र कृष्ण अवतार रस्तोगी द्वारा अपने दोस्त प्रशांत रस्तोगी उसकी पत्नी श्वेता रस्तोगी के साथ मिलकर अवैध तरीके से फर्जी प्रपत्रों के आधार पर मोहल्ला साहू निवासी नवीन कुमार रस्तोगी की सुपुत्री सिमरन रस्तोगी से विवाह का पंजीयन उपनिवंधक सदर प्रथम के कार्यालय में दिनांक 20 अक्टूबर, 2023 को करा लिया गया है। जबकि वास्तव में ऐसा कोई विवाह संपन्न ही नहीं हुआ है।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि इस अवैध वैवाहिक पंजीयन में जिस पार्षद ने उसके पति कशिश रस्तोगी और सिमरन रस्तोगी को विवाहित पति-पत्नी के रूप में मोहल्ला दिलवाली गली में रहने को प्रमाणित किया है। वह उस जगह से लगभग 8 किलोमीटर दूर वार्ड 5 आशियाना के पार्षद अजय तोमर हैं। जबकि मोहल्ला दिलवाले गली पार्षद अनुभव मेहरोत्रा का क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि अवैध पंजीयन में उसके पति के दूसरे विवाह की तारीख अप्रैल 2023 में दिखाई गई है। जबकि विवाह करने वाले पंडित से प्रमाण पत्र 6 महीने बाद की पंजीयन की तारीख से 6 दिन पहले प्राप्त किया गया है। पंजीयन मे वैवाहिक स्थल का भी कोई उल्लेख नहीं है।

जिलाधिकारी ने इस शिकायती प्रपत्र पर एडीएम वित्त को जांच कर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा। पीड़िता श्रीमती डिंपी रस्तोगी का कहना है कि उपनिबंधक सदर प्रथम जयप्रकाश के यहां से दिनांक 10.11.2024 को जो आख्या एडीएम फाइनेंस महोदय को प्रेषित की गई है, वह नितांत विचित्र, गोलमोल और अपने कार्यालय द्वारा अवैध विवाह के पंजीयन के कृत्य को छुपाने की एक सोची समझी स्पष्ट कोशिश है। पीड़िता के अनुसार अपनी आख्या में उपनिबंधक सदर प्रथम द्वारा ना तो इस अवैध विवाह के पंजीयन में लगाए गए फर्जी प्रमाण पत्र का उल्लेख किया गया है ना अवैध विवाह के संबंध में शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में कोई आख्या दी गई है।

अपितु पीड़िता द्वारा पूर्व में मांगी गई पति कशिश रस्तोगी के दूसरे विवाह के पंजीयन की जानकारी देने की बात का उल्लेख कर, सक्षम न्यायालय जाकर अनुतोष प्राप्त करने की हिदायत देते हुए शिकायत का निस्तारण कर आख्या दे दी गई है। पीड़िता का कहना है कि गलत एवं फर्जी ढंग से अपने कार्यालय में किए गए अवैध वैवाहिक पंजीयन के कृत्य को अपने उच्च अधिकारियों से छुपाने की सोची समझी रणनीति और साजिश मालूम पड़ती है।

उधर इस पूरे प्रकरण में उप निबंधक सदर प्रथम कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है, कि इस पंजीयन में लगाए गए प्रमाण पत्र के आधार यह पंजीयन होना संभव नहीं है। पंजीयन गलत तरीके से हुआ है इसको रद्द होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि इस तरीके के तमाम वैवाहिक पंजीयन इस कार्यालय में हुए हैं जिनकी जांच होनी चाहिए। उप निबंधक कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है। उधर इस पूरे प्रकरण में कशिश रस्तोगी उनके पिता कृष्णावतार रस्तोगी व दूसरी कथित पत्नी के पिता नवीन रस्तोगी से फोन पर संपर्क स्थापित कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई। लेकिन सभी के फोन बंद थे।

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