कोरोना वायरस के खौफ से डिगी ‘निष्ठा’, शिक्षकों में बढ़ा आक्रोश
बीआरसी में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को इन दिनों निष्ठा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षणार्थियों में कोरोना वायरस का खौफ साफ दिख रहा है। अधिकतर टीचरों का कहना है कि जब 22 मार्च तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं तो सभी तरह के प्रशिक्षण व शारदा का सर्वे भी नहीं होना चाहिए।
कन्नौज: बीआरसी में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को इन दिनों निष्ठा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षणार्थियों में कोरोना वायरस का खौफ साफ दिख रहा है। अधिकतर टीचरों का कहना है कि जब 22 मार्च तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं तो सभी तरह के प्रशिक्षण व शारदा का सर्वे भी नहीं होना चाहिए।
निष्ठा प्रशिक्षण के एक वैच में 150 शिक्षक, शिक्षिकाओं, अनुदेशक व शिक्षामित्रों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं कोरोना वायरस को लेकर चर्चा करते रहते हैं।
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उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय स्कूलों समेत इंटर व डिग्री कॉलेजों में छुट्टी कर दी है तो प्रशिक्षण भी बंद करना चाहिए। शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
साथ ही कोरोना वायरस को लेकर की गई छुट्टी में शारदा योजना के तहत हाउस होल्ड सर्वे के लिए सभी टीचरों को निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों का तर्क है कि प्रशिक्षण में 150-150 प्रशिक्षणार्थी शामिल हैं, जबकि 10 से अधिक लोगों के एक जगह मौजूद रहने पर कोरोना वायरस का खतरा रहता है।
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बीईओ ने कहा, यहां नहीं है कोरोना
जब निष्ठा के प्रशिक्षण में कोरोना वायरस की चर्चा व ट्रेनिंग का विरोध शुरू हुआ तो बीईओ शिवसिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं को समझाया। बोले, अलर्ट रहना जरूरी है, लेकिन यहां कोरोना नहीं है।
जो लोग बाहर से अपने यहां आ रहे हैं, उनमें ही यह वायरस फैलता है। सभी प्रशिक्षणार्थी पढ़े-लिखे हैं तो बेवजह परेशान न हों। इस पर टीचरों ने कहा कि यहां भी गैरजिलों से कई लोग आए हैं।
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