अस्थाई जेल में बंद जमाती की मौत, मचा हड़कंप, परिजनों ने प्रशासन पर लगाए आरोप

निजामुद्दीन मरकज जमात से वापस जौनपुर आए पिरोसोपुर निवासी नसीम अहमद की मौत जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई अस्थायी जेल में हो...

Update: 2020-05-06 05:14 GMT

जौनपुर: निजामुद्दीन मरकज जमात से वापस जौनपुर आए पिरोसोपुर निवासी नसीम अहमद की मौत जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई अस्थायी जेल में हो गई है। नसीम की मौत को लेकर उनके परिजन प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। बता दें नसीम दिल्ली मरकज तथा अन्य जगह पर जमात में शामिल होकर जौनपुर वापस लौटे तो यहां पर एक मस्जिद में छिपे थे।

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बीती रात को हुई मौत

खुफिया विभाग की सूचना पर पुलिस ने इनके साथ 14 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जमात के लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया। उसके बाद सभी को केराकत मार्ग पर स्थित प्रसाद इन्स्टीट्यूट में अस्थायी जेल बना कर न्यायिक अभिरक्षा में भी रख दिया गया। बीती रात लगभग 1 बजे के आसपास इनमें से एक जमाती नसीम अहमद की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि ये3 अप्रैल को क्वारंटीन किये गए थे।

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अचानक तबीयत खराब हुई तो...

पुलिस प्रशासन इन लोगों पर लॉकडाउन का पालन न करने तथा अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर रखा है। वहीं, उक्त क्वारंटीन सेन्टर में मंगलवार को दूसरी बार नसीम अहमद की तबियत अचानक खराब होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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मजबूरी में डॉक्टर कर देते हैं रेफर

नसीम के परिजनों का कहना था कि अभी दो दिन पहले भी उन्हें हार्ट की परेशानी आई थी। इस वजह से जिला अस्पताल से उन्हें बीएचयू भेजा गया था। लेकिन वहां उनको भर्ती नहीं किया गया। बल्कि इलाज करके छोड़ दिया गया था। वहीं, जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में तैनात एक चिकित्सक ने बताया कि यहां जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजी का न कोई डाक्टर है और न ही कोई वार्ड। ऐसे में गम्भीर मरीजों को हम मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते हैं।

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दो दिन पहले ले गए थे बीएचयू

मामले पर एसपी सिटी डॉ. संजय सिंह ने बताया कि जमातियों को संरक्षण देने मामले में मृतक नसीम अहमद पर दो मुकदमे दर्ज हैं। इसके कारण न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया था। इलाज के लिए दो दिन पूर्व वाराणसी स्थित बीएचयू भी ले जाया गया था।

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परिजनों ने लगाए आरोप

नसीम अहमद के परिजनों का कहना है कि वह मार्च के शुरूआती हफ्ते में दिल्ली इलाज के लिए गये थे, जहां इलाज के बाद वो जौनपुर लौट आए। उनको 14 दिन क्वारंटीन करने के बाद भी प्रशासन मुकदमे कर उलझाए हुए है। उनका इलाज लखनऊ स्थित पीजीआई में चल रहा था। प्रशासन की लापरवाही के कारण नसीम का इन्तकाल हो गया है।

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रिपोर्ट: कपिलदेव मौर्य

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