Bulandshar justice: दरिंदे को फांसी की सजा मुकर्रर

Bulandsahar justice: 13 महीनों के बाद मिला इन्साफ, आरोपी को मिली फांसी

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Yogi Yogesh Mishra
Update:2021-09-03 17:25 IST

Bulandshar Crime news: रेप पीड़िता मासूम को मिला इन्साफ (photo news track)

Bulandshar justice: बुलंदशहर स्पेशल पोस्को कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मासूम बच्ची के साथ रेप और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा मुकर्रर की है। कोर्ट के इस फैसले को पीड़ित परिवार ने त्वरित इंसाफ के लिए नजीर बताया, तो वहीं जैसे ही सजा के बाद आरोपी को कोर्ट से बाहर ले जाया जाने लगा तो आरोपी की मां जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

Bulandshar: आरोपी को हुई सज़ा

क्या है पूरा मामला 

04 अगस्त 2020 को खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के एक गाँव में एक व्यक्ति की आठ साल की बेटी अपनी छोटी बहन के साथ खेत पर जामुन बीनने के लिए गई थी। इसी बीच गांव का अशोक उनकी बड़ी बेटी को भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया और रेप के बाद हत्या कर शव को ईंख के खेत में फेंक दिया। इस मामले में खुर्जा कोतवाली नगर में पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ हत्या और रेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। स्पेशल पोस्को कोर्ट ने संवेदनशील मामले को एक साल एक माह तक सुना और आज आरोपी को फांसी की सजा सुना दी। फांसी के साथ कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

एडीजी पोक्सो ने क्या बताया 

जानकारी देते हुए एडीजीसी पॉक्सो ने बताया कि आज विशेष न्यायालय बॉक्सर बुलंदशहर की पीठासीन अधिकारी डॉ श्रीमती पल्लवी अग्रवाल ने अशोक नाम के मुलजिम को फांसी की सजा सुनाई है दरअसल दिनांक 4 अगस्त 2020 को आरोपी 8 साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था जिस वक्त बार अपनी बहन के साथ खेतों में जामुन बीनने गई थी। अशोक ने पहले तो बालिका के साथ बलात्कार किया जिसके बाद उसका गला घोट कर उसे मौत के घाट उतार दिया और सच छुपाने की नियत से प्लास्टिक की बोरी में रखकर ईख के खेत में छुपा दिया। वहीं पुलिस के पास जब मामला गया तो यह पता चला कि मृतक बालिका आखरी बार अशोक के साथ ही देखी गई थी जिसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती और आरोपी अशोक ने अपना जुर्म कबूल किया और उसकी निशानदेही पर मृतक बालिका का शव बरामद किया गया। बताते चलें बालिका को इंसाफ मिलने में लगभग 1 वर्ष लग गया। न्यायालय की तरफ से दोषी अशोक को फांसी की सजा सुनाई गई है। साथ ही साथ धारा 302 मैं मृत्युदंड और ₹100000 का जुर्माना 376 एबी और 5 एम बटे 6 में भी मृत्युदंड 363 में 7 साल की सजा और ₹20000 का जुर्माना और 201 में 7 साल की सजा और ₹20000 जुर्माना इस तरह से कुल मिलाकर मृत्युदंड और एक लाख ₹40000 का जुर्माना आरोपी का दंड निर्धारित किया गया है।

न्याय मिलने पर हुई संतुष्टि 

मृतक पीड़िता के पिता ने और परिजनों ने न्याय मिलने पर कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि आरोपी को जल्द कोर्ट के द्वारा सजा दी गई और हमारी बेटी को इंसाफ मिला, पीड़िता के घरवालों ने न्याय मिलने पर खुशी जाहिर की।

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