Prayagraj News: संगम तट पर तपस्वी संतो की अनूठी साधना, आकर्षण का केंद्र बना तपस्वी नगर
Prayagraj News: खाक चौक में बसा तपस्वी नगर इसका केंद्र बना हुआ है। तपस्वी नगर के शिविरों में त्यागी परंपरा के संत पंच अग्नि तपस्या में लीन है।
Prayagraj News Today: संगम की रेती पर ऋतुराज वसंत के आगमन के साथ महात्यागी संतों की निराली तपस्या की शुरुआत भी हो गई है। खाक चौक में बसा तपस्वी नगर इसका केंद्र बना हुआ है। तपस्वी नगर के शिविरों में त्यागी परंपरा के संत पंच अग्नि तपस्या में लीन है। अग्नि के घेरे में अन्न-जल का परित्याग तक लोक कल्याण के लिए संत माघी पूर्णिमा तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक तप करेंगे। जेष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी यानी गंगा दशहरा पर ये तपस्या खत्म होगी। धार्मिक मेले माघ मेले का आज चौथा स्नान पर्व बसंत पंचमी का है ऐसे में एक तरफ जहां भारी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ तपस्वी संतो की य़ह अनोखी साधना लोगों को आकर्षित कर रही है
भारी संख्या में तपस्वी संत करते है धुनि के बीच बैठकर तपस्या
मेला क्षेत्र के खाक चौक के तपस्वीनगर में सौ से अधिक संत अग्नि तपस्या कर रहे है । एक साथ कई संत अग्नि के घेरे में सिर पर घड़ा रखकर ध्यान मग्न नजर आए। वसंत पंचमी पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के बाद सर्व मंगल और लोक कल्याण की कामना से तपस्वी संतों ने पंच अग्नि साधना आरंभ की है। तपस्वी संत गोपाल दास महाराज बताते हैं कि संगम पर माघ मेले में आने वाले संतों ने पूरे जीव जगत के कल्याण के लिए पंच अग्नि तप का संकल्प लिया है। इस तपस्या के दौरान सुबह से शाम तक संत नियमित साधना कर रहे है।
विश्व कल्याण और शांति के लिए गंगा दशहरा तक होगी साधना
हालांकि सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक धुनि के किनारे मंत्र जपते नज़र आएंगे। गंगा दशहरा पर हवन- पूजन कर धुनी को गंगा में विसर्जित किया जाएगा। तपस्या किसी कारण से अगर भंग हो जाती है तो अगले वर्ष नए सिरे से संकल्प से उसे आरंभ करना होता है। तस्वीरों में आप साफ़ देख सकते हैं की भारी संख्या में साधु संत साधना में लीन है और देश दुनिया में शांति बनी रहे उसके लिए यह एक अनोखी साधना कर रहे हैं।