सपा ने किया सोनभद्र कूच, बसपा ने की आर्थिक मदद देने की मांग

सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन विवाद को लेकर हुये नरसंहार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के धरना और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंह के दौरे के बाद अब बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल उम्भा गांव पहुंचा और मृतकों के परिजनों की पीड़ा सुन कर उनका दर्द बांटा।

Update: 2019-07-23 16:13 GMT

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ‘सोनभद्र के लिए कूच‘ किया, प्रशासन ने जगह-जगह नाकेबंदी कर सपा कार्यकर्ताओं को रोका। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उम्भा गांव जाकर मृतकों के परिजनों से भेंट की और उन्हें सांत्वना दी। कार्यकर्ताओं ने धरना देकर गत 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में हुए नरसंहार के प्रति रोष और क्षोभ प्रकट किया।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर मंगलवार सुबह से ही ‘सोनभद्र कूच‘ में शामिल होने के लिए सोनभद्र और आसपास के जिलों से कार्यकर्ताओं के समूह निकल पड़े थे। प्रशासन ने उनके आने में रोड़े अटकाए। सोनभद्र जिलाध्यक्ष विजय यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय की ओर रवाना हुए। मिर्जापुर-भदोही के रास्तों पर पुलिस ने अवरोध पैदा किया।

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सैकड़ों कार्यकर्ताओं को करमा थाना पर रोक लिया गया और उन्हें ‘सोनभद्र कूच‘ में शामिल नहीं होने दिया। इस जत्थे का नेतृत्व जिलाध्यक्ष आरिफ सिद्दीकी, जिला महासचिव ओम प्रकाश यादव तथा पूर्व विधायक श्रीमती मधुबाला पासी कर रही थी। सोनभद्र के समाजवादी पार्टी कार्यालय में हजारों लोग तथा आदिवासी कैद कर दिए गएं, जहां पुलिस ने रोका वहीं कार्यकर्ता धरना देने लगे।

सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के साथ स्थानीय पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी सोनभद्र तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आठ सूत्री ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया तथा नरसंहार के दोषियों को सख्त सजा तथा पीड़ित आदिवासियों को सुरक्षा और खेती की जमीन पर कब्जा दिलाने आदि की मांग की।

प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है

सोनभद्र के जिलाधिकारी और एसएसपी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। अपराधी स्वछन्द है और भाजपा नेताओं के संरक्षण में पनाह पा रहे हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह असंवेदनशील है। ज्ञापन में मांग की गई है कि मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा तथा घायलों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।

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गांव के प्रत्येक मृतक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए, जिस जमीन के लिए खूनी नरसंहार हुआ उस जमीन को अभिलेख में आदिवासियों का नाम स्थायी रूप से दर्ज किया जाए, उम्भा गांव के नरसंहार की घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर अविलम्ब सजा दिलाई जाए

ज्ञापन में मांग की गई है कि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर अविलम्ब सजा दिलाई जाए, भूमाफिया पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराने के साथ ही उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाए

उम्भा गांव के प्रत्येक परिवार को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए तथा सोनभद्र और मिर्जापुर के आदिवासी जनजातियां जो सरकारी जमींनों पर बसी हुई हंै उनका भौतिक सत्यापन कर राजस्व अभिलेख में उनका नाम दर्ज किया जाए।

बसपा ने सोनभद्र पीड़ितों के लिए सरकार से की आर्थिक मदद देने की मांग

सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन विवाद को लेकर हुये नरसंहार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के धरना और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंह के दौरे के बाद अब बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल उम्भा गांव पहुंचा और मृतकों के परिजनों की पीड़ा सुन कर उनका दर्द बांटा।

बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा व प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा के नेतृत्व में यहां पहुंचे। पीड़ितों से मिलने के बाद लाल जी वर्मा ने प्रदेश सरकार से मांग की कि मृतक परिवार को 50 लाख रुपये और 10 बीघा जमीन और घायलों को पांच बीघा जमीन की सहायता दी जायें। लालजी वर्मा ने न्यूज़ट्रैक को फोन पर बताया कि बहुत ही दर्दनाक घटना हुई है।

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जाति देखकर एनकाउंटर किया जा रहा है

जिस तरह से दबंग लोगों ने वहां की जमीनों पर कब्जा किया है, इसकी घोर निंदा करता हूं। उन्होने कहा कि उभ्भा गांव का नरसंहार घटना जिला प्रशासन की ढिलाई और लापरवाही का नतीजा रहा है वरना यह घटना रोकी जा सकती थी। वर्मा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार 4200 फर्जी इनकाउंटर किए हैं, जाति देखकर एनकाउंटर किया जा रहा है, जिससे देश में आपराधिक घटनाएं बढ़ी है। पार्टी की ओर से पीड़ितो को मदद दिए जाने के सवाल पर उन्होने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर उम्भा गांव का दौरा किया गया है जिसकी रिपोर्ट उन्हें सौपी जाएगी इसके बाद वह निर्णय लेंगी ।

बसपा प्रतिनिधिमंडल में लालजी वर्मा के अलावा बसपा प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली, पूर्व सांसद नरेंद्र कुशवाहा, पूर्व विधायक सत्य नारायण जैसल, जिलाध्यक्ष बी सागर समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।

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सोनभद्र में घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन कब्जा करने को लेकर ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों द्वारा चलाई गई गोली से कुल 10 आदिवासियों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे। इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने घटनास्थल पर जाने और पीड़ितों के परिजनों से मिलने के ऐलान किया लेकिन प्रशासन ने उन्हे चुनार में ही रोक लिया।

जिसके बाद इस मामले में राजनीति गर्मा गई और मामला लखनऊ में विधानसभा से लेकर दिल्ली में लोकसभा तक में गूंजने लगा। इस घटना में पुलिस ने 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और आरोपी ग्राम प्रधान सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, घटना में इस्तेमाल पांच असलहा भी बरामद किया गया है।

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