UP Politics: मायावती को लगेगा बड़ा झटका, बसपा सांसद संगीता आजाद जल्द छोड़ेंगी हाथी की सवारी, पूर्व विधायक पति के साथ भाजपा में शामिल होना तय

UP Politics: लालगंज लोकसभा सीट से पार्टी की सांसद संगीता आजाद जल्द ही हाथी की सवारी छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकती हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-17 13:43 IST

Mayawati and BSP MP Sangeeta Azad  (photo: social media ) 

UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों में उठापटक का दौर दिख रहा है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता सुरक्षित ठौर ठिकाने तलाश रहे हैं। ऐसे में बसपा की मुखिया मायावती को भी जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है।

लालगंज लोकसभा सीट से पार्टी की सांसद संगीता आजाद जल्द ही हाथी की सवारी छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकती हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद सीमा भगवा खेमे का हिस्सा बन सकती हैं। उनके साथ ही उनके पति और पूर्व बसपा विधायक अरिमर्दन सिंह का भी भाजपा में शामिल होना तय माना जा रहा है।

पीएम मोदी और योगी से हो चुकी है मुलाकात

हाल के दिनों में संगीता आजाद बसपा से जुड़ी गतिविधियों से पूरी तरह कटी हुई हैं। पिछले तीन महीने के दौरान उन्होंने बसपा से जुड़े किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है। दूसरी ओर भाजपा नेताओं से उनकी मेल मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में संगीता आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री से हुई इस मुलाकात के बाद संगीता आजाद के जल्द ही भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं सुनी जाने लगी थीं।

पिछले महीने के आखिर में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। हाल के दिनों में उनकी कई केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेश स्तर के भाजपा नेताओं से भी मुलाकात हो चुकी है। इन मुलाकातों के बाद उनका भाजपा में शामिल होना तय माना जा रहा है। वे कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों से भाजपा की नीतियों की खुलकर तारीफ भी कर चुकी हैं।

पूर्वांचल के चर्चित सियासी घराने से रिश्ता

बसपा सांसद संगीता आजाद का संबंध पूर्वांचल के चर्चित सियासी घराने से है। उनके ससुर गांधी आजाद पूर्वांचल के सियासत में जाना माना चेहरा रहे हैं और उनकी गिनती बसपा के संस्थापक सदस्यों में की जाती रही है। वे राज्यसभा सदस्य रहने के साथ ही बसपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। पूर्वांचल की सियासत में उनके परिवार की दलितों पर मजबूत पकड़ मानी जाती रही है।

संगीता आजाद की सास मीरा आजाद दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। संगीता के पति अरिमर्दन आजाद लालगंज विधानसभा क्षेत्र से बसपा के विधायक रह चुके हैं। संगीता आजाद के भाजपा का दामन थामने के साथ अरिमर्दन आजाद का भी भाजपा में शामिल होना तय है। ऐसे में अरिमर्दन और संगीता के बसपा से इस्तीफे से पार्टी को पूर्वांचल में बड़ा झटका लगेगा।

पीएम मोदी और योगी की नीतियों की मुरीद

हालांकि संगीता आजाद ने अभी तक भाजपा में शामिल होने की बात खुलकर नहीं कही है। वैसे वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तारीफ करती जरूर करती रही हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी नहीं बल्कि देश और प्रदेश के होते हैं।

संगीता के मुताबिक दोनों नेताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने आजमगढ़ के विकास के मुद्दे पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि गरीबों,बेसहारों और जरूरतमंदों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए वे आगे भी प्रयास करती रहेंगी। भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर अभी वे खुलकर बयान देने से परहेज कर रही हैं।

पूर्वांचल में होगा भाजपा को फायदा

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबर्दस्त लहर के बावजूद बसपा ने पूर्वांचल की चार सीटों पर जीत हासिल की थी। आजमगढ़ की लालगंज सीट पर भाजपा के संगीता आजाद को जीत मिली थी जबकि जौनपुर सीट से बसपा के श्याम सिंह यादव विजयी हुए थे। गाजीपुर संसदीय क्षेत्र में बसपा के अफजाल अंसारी ने तत्कालीन रेल मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को हराने में कामयाबी हासिल की थी जबकि घोसी संसदीय सीट बसपा के अतुल राय ने भाजपा से छीन ली थी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा पूर्वांचल में अपने सियासी समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि संगीता आजाद के पार्टी में शामिल होने से पूर्वांचल में भाजपा को बड़ा सियासी फायदा हो सकता है।

Tags:    

Similar News