सीतापुर: 2021 में हरियाली से निखरेगी नये शहर की खूबसूरती, लगेंगे खुशबूदार पौधे
केशवग्रीन सिटी को अब नया शहर भी कहा जाने लगा है। अभी तक पुराना शहर को पक्का पुल से सिटी स्टेशन की छोर पर बसे मुहल्लों को माना जाता था।
सीतापुर: कोरोना वायरस के कारण शहर के पार्कों में ताला जड़ा रहा, 2020 में पार्क सन्नाटे में गुजर गए। अब साल 2021 में लोगों को उम्मीद है कि सबकुछ ठीक होगा। इसी उम्मीद के साथ सीतापुर शहर में बन रहे नये शहर का कायाकल्प करने की तैयारी है। केशवग्रीन सिटी के नाम से बन रहे नये शहर की परिकल्पना करीब आठ साल पहले रखी गई थी जो अब बडे भव्य शहर का रूप ले रहा है। लगातार विस्तार हो रहा है। यहां मूलभूत सुविधाएं भी स्थानीय लोग ही मुहैया कराने में जुट गए हैं।
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नये साल में हरा भरा नजर आएगा केशव ग्रीन सिटी
केशवग्रीन सिटी को अब नया शहर भी कहा जाने लगा है। अभी तक पुराना शहर को पक्का पुल से सिटी स्टेशन की छोर पर बसे मुहल्लों को माना जाता था। जबकि नये शहर में सिविल लाइन, प्रेम नगर, आर्य नगर, रोटीगोदाम, ब्रम्हपुरी कालोनी को माना जाता है लेकिन अब यह भी धीरे धीरे पुराने शहर के तौर पर तब्दील होता जा रहा है। क्योंकि यहां जमीन का अभाव होता जा रहा है। कुछ भूखंड हैं लेकिन मंहगे हैं। इस कारण नये मकान बन नहीं रहे, पुराने मकानों की अवधि पचास से सौ साल तक की हो चली है। इस कारण केशवग्रीन सिटी को नये शहर के रूप में देखा जाने लगा है। कम लागत में आशियाने की चाहत पूरी हो जाती है। यहां की कई खासियत है।
मकान बनने से पहले सड़क और नाली का निर्माण हो जाता है
मकान बनने से पहले सड़क और नाली का निर्माण हो जाता है। जो भी मकान का निर्माण करता है तो वह नाली पर अतिक्रमण नहीं कर सकता। सभी सड़के सीमेंटेड और चौड़ी हैं। इतना ही नहीं, सभी सड़कें समतल भी हैं। यानी सड़कें उंची नीची नहीं हैं। अब यहां पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क में बच्चों के लिए झूले आदि लग गए हैं। मखमली घास उगाई जा रही है, कुछ दिन में ही पार्क हरा भरा नजर आएगा। इसी के साथ पूरे केशव ग्रीन सिटी की सभी सड़कों के किनारे फूल के पौधे समेत नीम के पौधे भी लगाए जाएंगे। इससे यहां की खूबसूरती बढ़ना लाजिमी है ही पर्यावरण भी स्वच्छ होगा। यहां करीब एक हजार परिवार निवास कर रहे हैं, इन सभी की ओर से हरियाली कार्यक्रम में सहभागिता की जाएगी।
पीएम का सपना भी पूरा हो रहा यहां
पीएम नरेंद्र मोदी का संदेश है लोकल फार वोकल और सबको घर। इस कसौटी पर भी यहां नया शहर खरा उतर रहा है। केशवग्रीन सिटी के मुकेश अग्रवाल बताते हैं कि यहां निवास करने वालों को सभी घरेलू सामग्री यहीं पर मिल जाती है। निवास करने वाले लोगों में से ही किसी ने प्रोविजनल स्टोर खोल लिया किसी ने ब्रेकरी स्टोर तो किसी ने डेयरी खोल ली। स्कूल, बैंक है ही अन्य कई संस्थाओं ने भी कार्यालय खोल लिए हैं। इसलिए यहां की अर्थव्यवस्था भी संचालित रहती है।
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इतना ही नहीं, चूंकि निर्माण कार्य जारी रहता है, इस कारण करीब दौ सौ लोगों को रोजगार भी मुहैया होता है। राजगीर, श्रमिक, प्लंबर, पेंटर, वेल्डर की आवश्कता बनी रहती है। पूजा अर्चना के लोगों को बाहर न जाना पडे इसलिए यहीं पर मंदिर का निर्माण भी कई साल पहले कराया जा चुका है। विभिन्न अवसरों पर यहां के लोग खासकर महिलाएं भजन गायन करतीं हैं। जिससे माहौल भक्त्मिय हो जाता है।
रिपोर्ट- पुतान सिंह
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