एसओ ने नाबालिग लड़की को थाने में पीटा, एसपी ने भी नहीं सुनी फरियाद

यूपी के बलरामपुर जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां रेहरा थानाध्यक्ष पर एक नाबालिग बालिका से घर में घुसकर मारपीट व जबरन थाने में ले जाकर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगा है।

Update:2019-04-01 20:00 IST

बलरामपुर: यूपी के बलरामपुर जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां रेहरा थानाध्यक्ष पर एक नाबालिग बालिका से घर में घुसकर मारपीट व जबरन थाने में ले जाकर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता ने अपनी मां के साथ पुलिस अधीक्षक से मामले की शिकायत की है। मामला खाकी से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधीक्षक ने मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है।

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मामला जिले के रेहरा थाना क्षेत्र के मटेहना गांव का है। जहां की रहने वाली लक्ष्मी देवी के पास तीन बिस्वा जमीन थी। जिस पर वह आवास बना कर रह रही है। विधवा होने व घर में कोई पुरुष के न होने का लाभ लेकर पास ही पड़ी 3 बिस्वा जमीन पर काबिज पड़ोसी ने साजिश कर पीड़िता की भी जमीन पर स्टे ले लिया। स्टे के बावजूद स्थानीय पुलिस की मदद से पड़ोसी ने उस पर जबरन कब्जा भी कर लिया।

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आरोप है कि कब्जे का विरोध करने पर रेहरा थानाध्यक्ष रामसमुझ प्रभाकर ने घर में अकेली नाबालिग बालिका को ही जमकर पीट दिया और घर पर ताला लगा दिया। जब घर में पीटने से एसओ मन नहीं भरा तो उसे थाने उठा ले गए और वहां भी उसकी पिटाई की। पिटाई के बाद से नाबालिग बालिका सदमे में है। शाम से रात तक थाने में बिताने के बाद पीड़िता जब किसी तरह वहां से छूटी तो अपनी मां के साथ पुलिस अधीक्षक से मामले की शिकायत की। चूंकि मामला वर्दी धारी से जुड़ा है तो पुलिस अधीक्षक ने भी मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया और अभी तक कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है। दबंग और पुलिस का खौफ इतना है कि पीड़िता अपनी मां के साथ जहां तहां रात गुजारने को मजबूर है। अब देखते हैं कि खाकी की गुंडई के आगे बेबस मां और बेटी को इंसाफ मिलता है या नहीं।

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पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक अनुराधा आर्य से जब इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने साफ तौर पर पीड़िता के आरोपों को खारिज कर दिया। पीड़िता द्वारा थानाध्यक्ष पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और उसकी पिटाई नहीं की गई है। जिस भवन को कब्जा दिलाया गया है वह डीएम के आदेश पर कराया गया है।

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