Sonbhadra News: मवेशियों को चराने के विवाद में जमकर बवाल, ग्रामीणों-वनकर्मियों में हाथापाई-मारपीट, फायरिंग

Sonbhadra News: मांची थाना क्षेत्र के केवटम में जंगल के पास खाली पड़ी जमीन पर मवेशियों को चराने को लेकर ग्रामीणों-वनकर्मियों के बीच सोमवार को हुए विवाद में जमकर बवाल हुआ।

Update:2023-08-28 18:31 IST
मवेशियों को चराने के विवाद में जमकर बवाल: Photo-Newstrack

Sonbhadra News: मांची थाना क्षेत्र के केवटम में जंगल के पास खाली पड़ी जमीन पर मवेशियों को चराने को लेकर ग्रामीणों-वनकर्मियों के बीच सोमवार को हुए विवाद में जमकर बवाल हुआ। आरोप है कि प्लांटेशन स्थल पर जहां वनकर्मियों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की। वहीं, इससे नाराज ग्रामीणों ने वनचौकी पर हमला बोल दिया।

वनकर्मियों को असलहे तानने पड़े

यहां हुई हाथापाई-मारपीट से ऐसी स्थिति बन गई कि वनकर्मियों को असलहे तानने पड़े। आरोप है कि फायरिंग भी की गई। मारपीट में रेंजर सहित अन्य को घायल होने का भी दावा किया जा रहा है। सोनभद्र वन प्रभाग से जुड़े रामगढ़ रेंज के केवटम बीट में हुए बवाल के बाद, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। दोनों पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

खाली जमीन पर मवेशियों को चराने को लेकर विवाद

बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह केवटम गांव के ग्रामीण जंगल के पास वाली जमीन पर अपने-अपने मवेशियों के साथ डेरा डाले हुए थे। उसी दौरान रेंजर सतेंद्र कुमार सिंह, वन दरोगा राजेंद्र कुमार शर्मा अन्य वनकर्मियों के साथ पहुंचे और खाली जमीन पर मवेशियों को चराने को लेकर विवाद शुरू हो गया। वन विभाग के लोगों का कहना था कि पौधरोपण वाली एरिया में चराई कराकर जंगल को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि वह जंगल और पौधरोपण से बाहर वाली एरिया में मवेशी चरा रहे हैं।

ग्रामीणों की पिटाई का आरोप

बताया जाता है कि बात इतनी बढ़ गई कि वन विभाग के लोगों ने कुछ ग्रामीणों की पिटाई कर दी। इस पर जब ग्रामीण उग्र हो गए तो रेंजर सहित अन्य वनकर्मी वहां से हटकर पास स्थित वन चौकी केवटम पर जा पहुंचे। पीछे-पीछे बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरूष का भी समूह चौकी पहुंच गया और चौकी का घेराव करने के साथ ही, खरीखोटी सुनानी शुरू कर दी। वनकर्मियों ने ग्रामीणों को चौकी से हटने को कहा तो ग्रामीणों और वनकर्मियों के बीच हाथापाई-मारपीट शुरू हो गए। इस पर ग्रामीण खासे उग्र हो उठे। मामला बेकाबू होता देख वनकर्मियों ने असलहे निकालकर ग्रामीणों पर तान दिए। हालांकि ग्रामीणों का आरोप था कि एक फायर भी झोंका गया।

महिलाओं से अभद्रता का लगाया आरोप

पिटाई का शिकार हुए तेजन का कहना था कि वह अपनी भैंस का दूध दूह रहे थे। तभी वहां वनकर्मियों के साथ रेंजर सतेंद्र कुमार पहुंचे और कान पकड़कर ऐंठन के साथ ही डंडे से पिटाई कर दी। नारायण का कहना था कि उन्हें भी अचानक से पकड़कर कई डंडे लगा दिए गए। तेजन की बहू दसिया आदि का कहना था कि उन लोगों ने अपने परिवार के लोगों को पिटाई से बचाने की कोशिश की तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई और कपड़े फाड़ दिए गए।

मामले की कराई जा रही जांच: क्षेत्राधिकारी

क्षेत्राधिकारी सदर आशीष मिश्रा ने कहा कि वन दरोगा राजेंद्र प्रसाद शर्मा और रेंजर सतेंद्र कुमार शर्मा ने पुलिस को जो जानकारी उपलब्ध कराई है, उसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में अगर कोई तहरीर मिलती है तो मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगीं

फायरिंग की बात गलत, आत्मरक्षार्थ ताने गए असलहेः रेंजर

रेंजर सतेंद्र कुमार सिंह का कहना था कि पौधरोपण वाली एरिया में ग्रामीण अवैध रूप से मवेशियों को घुसाकर चरा रहे थे। जानवरों को पकड़कर वन चौकी लाया गया था जहां बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों ने वन चौकी पर हमला बोल दिया। वनकर्मियों की संख्या गिनी-चुनी होने के कारण आत्मरक्षार्थ असलहे तानने पड़े। फायरिंग की बात गलत है।

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