Sonbhadra News: नशे के सौदागर को मिली 10 वर्ष की कैद, पांच साल पुराने मामले में आया फैसला, एक लाख अर्थदंड

Sonbhadra News: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने मामले की सुनवाई की और प्रकरण में पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी छत्रपति केशरी उर्फ छोले को उपरोक्त सजा सुनाई।

Update: 2023-06-27 11:18 GMT
Sonbhadra News (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: पांच वर्ष पूर्व शक्तिनगर थाना क्षेत्र से पकड़े गए हेरोइन तस्कर छत्रमणि को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही एक लाख अर्थदंड भी लगाया गया है। इसकी अदायगी न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का भी आदेश पारित किया गया है। मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने मामले की सुनवाई की और प्रकरण में पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी छत्रमणि केशरी उर्फ छोले को उपरोक्त सजा सुनाई। जेल में बिताई अवधि को भी सजा में समाहित करने का आदेश दिया गया।

अभियोजन कथानक के मुताबिक गत 28 जुलाई 2017 को शक्तिनगर थाने में तैनात उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार पुलिस बल के साथ क्षेत्र में थे। उसी दौरान उन्हें कोहरौल गांव की पुलिया के पास एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से आता दिखाई दिया। सामने आने पुलिस आती दिखी तो बाइक चला रहा व्यक्ति, उसे मोड़कर वापस जाने लगा। जल्दबाजी में उसकी बाइक मौके पर ही फिसल गई। तब तक पुलिस टीम वहां पहुंच गई और उसे दौड़ाकर दबोच लिया गया। तलाशी ली गई तो उसके कब्जे से 40 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। पूछताछ में उसने अपना नाम पता छत्रमणि केशरी उर्फ छोले पुत्र कांति सिंह निवासी ककरी, थाना अनपरा बताया।

मामले में धारा 8/21 एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर उसका चालान कर दिया गया और विवेचना में पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी गई। मामले की सुनवाई करते समय अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने। बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी छत्रपति को 10 वर्ष की कैद और एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में जहां दोषी को एक वर्ष अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है। वहीं कोर्ट ने दोषी के कब्जे से पूर्व में बरामद की गई 40 ग्राम हेरोइन को भी नष्ट करने का आदेश दिया है। मामले में जो सजा दी गई, उसमें दोषी द्वारा पूर्व में जेल में बिताई गई अवधि को भी समाहित किया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता शशांक शेखर मिश्र की ओर से की गई।

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