Sonbhadra News: खुलासा! ठेका दुकानों पर मिल रही ब्लू लाइन ब्रांड की नकली शराब, ऐसे चल रहा था नकली को असली बनाने का खेल
Sonbhadra News: Newstrack के हाथ जो जानकारियां लगी हैं, उसके मुताबिक जिस वक्त पुलिस की टीम ने रेड डाली। उस दौरान जहां बड़ी मात्रा में नकली शराब और शराब बनाने के उपकरण बरामद हुए है।
Sonbhadra News: म्योरपुर थाना क्षेत्र के खैराही में आईटीआई कालेज के बगल में एक मकान में चलाई जा रही नकली देशी शराब की फैक्ट्री के खुलासे के साथ ही, उससे जुड़े चौंकाने वाले कई तथ्य भी एक-एक कर सामने आते जा रहे हैं। बताते हैं कि शराब निर्माण और तस्करी का रैकेट चलाने वालों की तरफ से यहां निर्मित की जाने वाली नकली शराब को ब्लू लाइन ब्रांड की शराब बनाकर बेचा जा रहा था। इसकी बिक्री चोरी-छिपे नहीं बल्कि बाकायदा ठेका दुकानों के जरिए की जा रही थी। मामले की छानबीन में पुलिस की तरफ से जिस तरह के खुलासे सामने आए हैं, उसने जहां हर किसी का माथा चकराकर रख दिया है। वहीं, इस बात की भी चर्चा है कि इस रैकेट में सिर्फ पांच नहीं, कई और लोग भी शामिल हैं, जिनको चिन्हित करने में पुलिस जुटी हुई है।
बताते चलें कि अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी की तरफ से मामले का खुलासा करते हुए बताया गया था कि वाराणसी का रहने वाला ज्ञानदत्त चतुर्वेदी जहां नकली शराब निर्माण और बिक्री करने वाले रैकेट का सरगना है। वहीं, उसने सोनभद्र में अपनी दादी विद्या देवी चौबे के नाम देशी शराब की दुकान का ठेका हासिल कर रखा है। इस दुकान की आड़ में अपने सेल्समैन श्रीराम जायसवाल के जरिए, म्योरपुर क्षेत्र के खैराही स्थित मकान में निर्मित होने शराब को, अपनी दुकान के साथ ही, दूसरे ठेके वाली दुकानों के जरिए, खपाने में लगा हुआ था।
कुछ इस तरह नकली को असली बनाने का चल रहा था खेल
वहीं Newstrack के हाथ जो जानकारियांलगी हैं, उसके मुताबिक जिस वक्त पुलिस की टीम ने रेड डाली। उस दौरान जहां बड़ी मात्रा में नकली शराब और शराब बनाने के उपकरण बरामद हुए है। वहीं बरामद सामग्रियों की छानबीन के जरिए पुलिस को मालूम हुआ कि नकली शराब को ब्लू लाइन ब्रांड की शराब बनाकर ठेके की दुकानों के जरिए खपाया जा रहा था। किसी ग्राहक को इस पर शक न होने पाए, इसके लिए नकली शराब की शीशी पर फर्जी ब्लू लाइन और फर्जी क्यू आर कोड का रैपर लगाया जा जाता है। छानबीन-जांच के दौरान जहां पुलिस को तरल पदार्थ भरी 200एमएल वाली शीशी पर जहां ब्लू लाइम लार्ड्स डिस्टिलरी लिमिटेड अंकित मिला। वहीं, खाली पाई गई 1759 शीशी और उसके ढक्कन तथा शराब निर्माण के लिए लाए गए केमिकल पर लार्ड्स डिस्टिलरी लिमिटेड, गाजीपुर सेल इन यूपी अंकित पाया गया। वहीं शराब की बोतल पर लगाने के लिए एकत्रित किए गए जो रैपर और क्यू आर कोड पाए गए, उस पर ब्लू लाइन 36 प्रतिशत निर्माण स्थल मेसर्स मनकापुर चीनी मिल (यूनिट आफ बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड) तहसील मनकापुर, जिला गोंडा अंकित होना पाया गया।
ठेका दुकान के औचक निरीक्षण में भी बरामद की गई नकली शराब
बताते हैं कि पुलिस की एक टीम की तरफ से आबकारी निरीक्षक रविनंदन को साथ लेकर, रैकेट सरगना की सेवकाडांड़ स्थित दुकान पर भी छापेमारी की गई थी। इस दौरान जहां, एक पेटी में रखी हुई 45 संदिग्ध शीशी बरामद की गई। वहीं, आबकारी निरीक्षक रविनंदन द्वारा शीशी में भरे तरल पदार्थ/शराब की जांच कर दावा किया गया कि बरामद की गई शराब के गंध की जो तीव्रता पाई गई है। वह वर्ष 2023-24 में शराब बिक्री के लिए निर्धारित मानक के विपरीत है। पूछताछ में भी बरामद शराब नकली होने की बात सामने आई।
ऐसे निर्मित की जा रही थी नकली शराब
पुलिस की प्राथमिक जांच-पूछताछ में सामने आया है कि रेक्टीफाइड स्प्रिट में पानी और कलर मिलाकर खाली शीशी में भरा जाता है और उसे पर फर्जी रैपर, क्यू आर कोड चस्पा कर असली जैसा रूप दे दिया जाता था । इसके बाद उसे बिक्री के लिए डिलिवरी प्वाइंटों/ठेका दुकानों पर पहुंचा दिया जाता था। सेवकाडांड़ पिंडारी स्थित ठेका दुकान इसकी बिक्री का मुख्य केंद्र बनाया गया था। इसके जरिए यह रैकेट सरकारी राजस्व को भी लगातार चूना लगाने में लगा हुआ था।