Sonbhadra News: सोनभद्र के प्रदूषण पर दें विस्तृत रिपोर्ट, एनजीटी का सीपीसीबी को निर्देश

Sobhadra News: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सोनभद्र में व्याप्त प्रदूषण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश

Update: 2024-05-27 12:06 GMT

Sonbhadra News Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सोनभद्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वर्ष 2017 में दिए गए निर्देश और सुझाए गए उपायों का अब तक प्रभावी अनुपालन न होने को लेकर दाखिल याचिका पर एनजीटी ने बड़ा निर्देश दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सोनभद्र में व्याप्त प्रदूषण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ ही, प्रदूषण के स्रेात और इसके नियंत्रण को लेकर की जा रही उपचारात्मक कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। प्रकरण की सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 सितंबर 2024 तय की गई है।

सोनभद्र में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और इसके नियंत्रण के लिए गए निर्देशों पर अमल की स्थिति को लेकर चार दिन पूर्व एनजीटी की चेयरपर्सन प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली प्रधान पीठ ने मामले की सुनवाई की। पाया कि सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी की याचिका पर गत 15 मार्च 2024 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सोनभद्र में प्रदूषण के विस्तार, लोगों पर पड़ रहे उसके प्रभाव और उसके नियंत्रण के लिए चल रही कवायदों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति जांची तो पाया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जसमें कहा गया है कि सीपीसीबी की टीम ने कुल 18 पानी के नमूने (11 भूजल, 8 सतही पानी) एकत्र किए हैं जिसमें सात नदी जल और एक वर्षा जल के नमूने शामिल हैं। अवगत कराया गया कि सीपीसीबी और एसपीसीबी प्रयोगशालाओं में उसका विश्लेषण चल रहा है। इसके परिप्रेक्ष्य में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश पर फिलहाल रोक की अपेक्षा की गई थी।


15 मार्च को दिए गए निर्देश का पूर्ण रूप से करें पालन

इस पर याचिकाकर्ता और पक्षकारों की ओर से दी गई दलील और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए एनजीटी की प्र्रधान पीठ ने पाया कि गत 15 मार्च को प्रदूषण के संबंध में व्यापक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश सीपीसीबी को दिए गए थे। पीठ ने निर्देशित किया कि उक्त निर्देश के क्रम में सीपीसीबी सोनभद्र में वर्तमान में प्रदूषण की स्थिति का खुलासा करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करेगी। संबंधित क्षेत्र में प्रदूषण और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है, जिले के बाशिंदों और याचिका में लगाए गए आरोपों की सत्यता की क्या स्थिति है, इसकी भी जानकारी रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही प्रदूषण के स्रोत क्या हैं और इसको लेकर किस तरह की उपचारात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है, इसकी भी जानकारी देनी होगी।

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