Sonbhadra News: सदर तहसील में लेखपाल का रिश्वत लेते वीडियो वायरल, जमीनी विवाद से जुड़ा मामला
Sonbhadra News: राबटर्सगंज तहसील क्षेत्र में तैनात बताए जा रहे एक लेखपाल से जुड़ा कथित वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। आरोप है कि विवादित जमीन की आख्या पक्ष में देने के लिए रिश्वत ली गई और जब पीड़ित पक्ष ने दिए गए रूपये वापस करने की मांग की तो इंकार कर दिया गया।
Sonbhadra News: राबटर्सगंज तहसील क्षेत्र में तैनात बताए जा रहे एक लेखपाल से जुड़ा कथित वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। आरोप है कि विवादित जमीन की आख्या पक्ष में देने के लिए रिश्वत ली गई और जब पीड़ित पक्ष ने दिए गए रूपये वापस करने की मांग की तो इंकार कर दिया गया। मंगलवार को यह वीडियो पूरे दिन विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों पर वायरल होता रहा। हालांकि इस मामले में अभी विभागीय तौर पर किसी तरह की कार्रवाई या संज्ञान लिए जाने का मामला सामने नहीं आया है।
सोशल मीडिया पर रूपये के लेन-देन से जुड़ा वीडियो वायरल
मंगलवार की दोपहर सोशल मीडिया पर रूपये के लेन-देन से जुड़ा वीडियो वायरल किया गया। दावा किया गया कि यह वीडियो सदर तहसील में तैनात एक लेखपाल से जुड़ा हुआ है। कथित लेखपाल का नाम विकास यादव होने का दावा किया गया। बताया गया कि कथित लेखपाल की तरफ से वीडियो में दिखती कथित रिश्वत विवादित भूमि में निर्माण कार्य रुकवाने के एवज में ली गई थी। रिश्वत के रूप में 50 हजार की रकम लिए जानें का दावा किया गया।
वायरल वीडियो सोशल मीडिया में आने के साथ ही, यह भी दावा किया गया कि पीड़ित पक्ष लगातार लेखपाल से संपर्क में बना रहा है लेकिन कथित लेखपाल अपना स्थानांतरण कराकर दूसरे क्षेत्र में चला गया। दूसरे पक्ष ने विवादित जमीन पर निर्माण भी कर लिया और रिश्वत में ली गई रकम भी वापस नहीं कई। सदर तहसील क्षेत्र के थुभिया कला से प्रकरण जुड़ा होने का दावा करते हुए कहा गया कि जिस व्यक्ति से रिश्वत ली गई, उसका गांव के ही एक व्यक्ति से जमीन का विवाद चल रहा था। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। विवाद को देखते हुए पुलिस की रिपोर्ट पर परगना मजिस्ट्रेट ने जमीन जब्त (कुर्क) कर रखी है।
रिश्वत लेने के बाद फोन भी उठाना बंद
आरोप लगाया गया कि उसी विवादित जमीन में विपक्षी ने मकान बनाना शुरू किया तो उसे रोकने का अनुरोध लेकर प्रभावित पक्ष लेखपाल के यहां पहुंचा, जहां दो किस्तों में रिश्वत के रूप में 50 हजार की रकम ले ली गई लेकिन निर्माण रोकवाने में कोई रूचि नहीं दिखाई गई। आरोप है कि रिश्वत लेने के बाद फोन भी उठाना बंद कर दिया गया। लिए गए रकम को वापस करने के लिए दबाव बनाने पर दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण करा लिया गया।
वायरल वीडियो से जुड़े मामले की जानकारी के लिए सदर एसडीएम से उनके सीयूजी-पर्सनल फोन और ह्वाट्स मैसेज के जरिए संपर्क साधा गया लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। वहीं एडीएम नमामि गंगे आशुतोष द्विवेदी ने फोन पर कहा कि वायरल वीडियो का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उसकी जानकारी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।