Sonbhadra News: बांग्लादेश के नाम पर बिहार पहुंचाई जा रही शराब, शक के दायरे में हरियाणा की कंपनी
Sonbhadra News: मामले की छानबीन और आरोपियों से पूछताछ में जो चीजें सामने आई हैं, उसके मुताबिक, हिमांचल प्रदेश से कोलकाता के श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के जरिए बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचाई जाने वाली शराब, तस्करी के लिए बिहार पहुंचाई जा रही है।
Sonbhadra News: पुलिस के हत्थे चढ़े हिमांचल प्रदेश से जुड़े शराब तस्करी के गैंग और कंटेनर ट्रक में 1550 पेटियों में भरकर ले जाई जा रही 18599 बोतल शराब की छानबीन में सामने आई जानकारियों ने एकबारगी पुलिस को हैरान कर दिया है। प्राथमिक छानबीन में जो मालूमात सामने आए हैं, उसके मुताबिक, पकड़ी गई शराब की खेप, बांग्लादेश के लिए निर्यात करने के नाम पर ले जाई जा रही थी।
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इसी हिसाब से शराब की फर्जी बिल्टी भी तैयार की गई लेकिन एक्सपोर्ट के लिए किसी तरह की एनओसी या पश्चिम बंगाल में शराब की इंट्री से जुड़ा कोई कागजात न होने के वाकए ने सारी पोल खोलकर रख दी। शराब ले जाकर जा रहे वाहन का पंजीयन, हरियाणा की एक कंपनी के नाम दर्ज पाया गया है। ऐसे में वर्ष 2020 में स्थापित हुई कथित कंपनी और उससे जुड़े लोगों का, तस्करी से क्या संबंध है, इसको लेकर भी छानबीन शुरू कर दी गई है।
सोनभद्र-झारखंड रूट का हो रहा इस्तेमाल
बताते चलें कि एसओजी और ओबरा पुलिस की संयुक्त टीम ने गत बुधवार की देर शाम ओबरा रेलवे क्रासिंग से 75 लाख की शराब के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। बृहस्पतिवार को पुलिस लाइन में अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने इसका खुलासा किया। बताते हैं कि मामले की छानबीन और आरोपियों से पूछताछ में जो चीजें सामने आई हैं, उसके मुताबिक, हिमांचल प्रदेश से कोलकाता के श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के जरिए बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचाई जाने वाली शराब, तस्करी के लिए बिहार पहुंचाई जा रही है।
वाराणसी से बिहार के लिए जाने वाले सीधे रास्तें की निगरानी ज्यादा होने के कारण तस्कर सोनभद्र के रास्ते झारखंड पहुंच रहे हैं। झारखंड-बिहार के बीच की सीमा का निर्धारण नदी के जरिए होने के कारण, तस्करी वाली खेप आसानी से बिहार पहुंचा दी जा रही है। इसके लिए हिमांचल प्रदेश से सीधे वाराणसी, इसके बाद सोनभद्र हुए झारखंड रूट का इस्तेमाल किया जा रहा है। किसी को शक न होने पाए, इसके लिए कोलकाता बंदरगाह तक का रूट चार्ज तैयार कर, शराब की खेप झारखंड पहुंचाई जा रही है।
ऐसे पकड़ में आया पूरा खेल
पुलिस के मुताबिक छानबीन के दौरान पकड़ी गई 333 गोल्ड प्योर ग्रेन व्हिस्की ब्रांड की शराब के बोतल पर हाइट बाटल्स प्राइवेट लिमिटेड ऐट तिलक सन ब्रेवरी एंड डिस्टीलिरी, विलेज मैंथपाल कला, जिला सिरमौर, हिमांचल प्रदेश तो अंकित था ही, रैपर पर मेड इन इंडिया फार ओवरसीज एक्सपोर्ट वनली लिखा हुआ था। वाहन चालक द्वारा दिए गए कागजात की छानबीन की गई तो पता चला कि शराब सील से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। जहां पर माल उतारा जाना था, वहां के राज्य यानी पश्चिम बंगाल का किसी तरह का एक्साइज पास नहीं है। कागजात में अंकित गंतव्य स्थल ढाका, बांग्लादेश से संबंधित कस्टम बांड की कोई एनओसी नहीं है। जो कागजात दिखाए गए उसमें 333 गोल्ड प्योर ग्रेन ब्रांड की जगह, ब्लू गोल्ड फाइनेस्ट ब्रांड दर्ज मिला। कागजात में 15000 जबकि मौके पर 18000 से अधिक बोतलें पाई गईं।
इसी तरह सोनभद्र में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें शराब तस्करी में प्रयुक्त होने वाले वाहन का पंजीयन किसी व्यक्ति की बजाय, हरियाणा के भिवांडी जिले में स्थित बदेसरा स्प्रिट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पंजीयन है। नवंबर 2020 में पंजीकृत कराई गई इस कंपनी के जरिए किस तरह का कारोबार होता है, इसका विवरण तो अभी पुलिस को नहीं मिल पाया है लेकिन जिस तरह की जानकारियां सामने आई हैं, उससे संबंधित कंपनी से जुड़े लोगों को लेकर भी शक गहराने लगा है।