Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में नया मोड़, सहमति से बनाए थे संबंध, आरोपी को जमानत

Sonbhadra News: पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए बयान में पीड़िता की ओर से आरोपी को पसंद करने और सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की बात सामने आई है।

Update: 2024-09-06 12:27 GMT

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में नया मोड़  (photo: social media )

Sonbhadra News: कोन थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली नाबालिग को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। बताते हैं कि रेडियोलॉजिकल जांच में जहां पीड़िता की उम्र बालिग पाई गई है। वहीं, पीड़िता द्वारा आरोपी को पसंद करने और सहमति से शारीरिक संबंध बनाने का भी मामला सामने आया है। इसको दृष्टिगत रखते हुए दुष्कर्म-पॉक्सो एक्ट से जुडे मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमितवीर सिंह की अदालत ने आरोपी की तरफ से दी गई जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।

जून 2024 की घटना को लेकर आरोपी सोनू यादव उर्फ सुनील यादव की तरफ से अधिवक्ता सेराज अख्तर खान के जरिए जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष का कथन था कि 17 जून 2024 की शाम को आरोपी 15 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए बयान में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इसके क्रम में कोन पुलिस ने प्रकरण में धारा 363, 366, 376 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत कार्रवाई की थी।

प्रकरण की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत में सुनवाई हुई। अभियोजन और बचाव दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की गईं। अभियोजन पक्ष ने मामला गंभीर प्रकृति का होने के कारण, जमानत अर्जी पर अपना विरोध दर्ज कराया और अर्जी मंजूर न किए जाने के लिए अपनी दलीलें दीं। वहीं, बचाव पक्ष ने कथित घटना तिथि के दो दिन विलंब से प्राथमिकी दर्ज कराने, पूर्व का कोई आपराधिक इतिहास न होने, आरोप गलत होने की दलीलें पेश कीं।

पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य बने जमानत के प्रमुख आधार

अधिवक्ता एसए के खान के मुताबिक दोनों पक्षों की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने पाया कि पीड़िता की रेडियोलॉजिकल उम्र 18 से 19 वर्ष पाई गई है। वहीं, पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए बयान में पीड़िता की ओर से आरोपी को पसंद करने और सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की बात सामने आई है। न्यायालय ने इसे जमानत का पर्याप्त आधार मानते हुए अर्जी मंजूर कर ली। प्रकरण में रिहाई परवाना के लिए आरोपी को एक लाख का स्वबंध पत्र और समान धनराशि की दो विश्वसनीय जमानत प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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