Sonbhadra: स्कूल से लौटती छात्रा से की थी छेड़छाड़, 3 वर्ष की कैद, 10 हजार अर्थदंड
Sonbhadra: चोपन थाना क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी ने 19 अगस्त 2017 को चोपन पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी।
Sonbhadra News: स्कूल से घर के लिए लौट रही छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में दोषी को 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। 10 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। इसकी अदायगी न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। प्रकरण को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई की और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और अपराध की गंभीरता को देखते हुए उपरोक्त सजा सुनाई गई।
यह था मामला जिसको लेकर आया न्यायालय का फैसला
चोपन थाना क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी ने 19 अगस्त 2017 को चोपन पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी। अवगत कराया था कि 18 अगस्त 2017 की शाम सवा छह बजे वह स्कूल से पढ़कर अपने घर के लिए लौट रही थी। उसी दौरान रास्ते में चोपन थाना क्षेत्र के कोटा टोला सनायडंडी का रहने वाला कुबेर गोड़ पुत्र शोभनाथ आया और उसके साथ गाली गलौज करते हुए छेड़छाड़ करने लगा। उसने शोर मचाया तो मौके पर कई लोग आ गए। लोगों को आया देख मौके से वह भाग गया। दी गई तहरीर पर पुलिस ने छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर प्रकरण की विवेचना की। दौरान विवेचना पर्याप्त सबूत मिलने का दावा किया गया और इसके आधार पर पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।
लगभग 7 वर्ष चली मामले की सुनवाई, सात गवाह कराए गए परीक्षित
न्यायालय में चार्जशीट दाखिल होने के बाद लगभग 7 वर्ष तक मामले की सुनवाई चली। इस दौरान सात गवाह परीक्षित कराए गए। गवाहों की तरफ से दर्ज कराए गए बयान, दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्क और पत्रावली के अवलोकन से सामने आए तथ्यों के आधार पर दोष सिद्ध पाया गया। शनिवार को इस मामले की फाइनल सुनवाई हुई जिसमें दोषी पाए गए कुबेर गोड़ को 3 वर्ष का कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड जमाना किए जाने की दशा में जहां अतिरिक्त कारावास का आदेश पारित किया गया वहीं अर्थदंड जमा होने के बाद उसमें से आठ हजार की धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पर भी सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई।