Sonbhadra: पेटीदार की संदिग्ध मौत, मृत हालत में लाया गया अस्पताल, ओबरा खनन क्षेत्र से जुड़ा मामला
Sonbhadra Death News: परिजनों की तरफ से मौत को लेकर संदेह जताया। वहीं, खनन हादसे से लेकर हत्या तक की आशंका जताई जाती रही। कुछ लोगों ने इसको लेकर चिकित्साकर्मियों से नोंकझोंक भी की।
Sonbhadra News: जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में एक खनन पेटीदारी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। प्रकरण को लेकर रहस्य तब और गहरा गया जब जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लोग मृतक के कुछ रिश्तेदारों और परिजनों को देखकर वहां से फरार हो गए। इसको लेकर परिजनों-रिश्तेदारों ने खासी नाराजगी जताई। रोष जता रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने के बाद पुलिस ने मंगलवार की दोपहर शव का पीएम कराया। इसके बाद परिवार के लोग शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए वाराणसी चले गए।
क्या है मामला?
बताते हैं कि, मनोज देव पांडेय पुत्र राजेंद्र पांडेय निवासी ओबरा, खनन क्षेत्र में ही पेटीदारी पर खनन का कार्य कराने का काम करता था। चर्चा है कि सोमवार की शाम वह शारदा मंदिर के पास वाले इलाके में बना हुआ था। उसी दौरान वह किसी तरह गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जाता है कि घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोग उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जानकारी मिलने के बाद कुछ रिश्तेदार और परिवार के लोग भी जिला अस्पताल पहुंचे। आरोप है कि वहां उसके साथ आए लोग, परिजनों-रिश्तेदारों को आया देख वहां से खिसक लिए।
मृतक के साथ आए लोगों के फरार होने से गहराया शक
यह देख जहां परिजनों की तरफ से मौत को लेकर संदेह जताया। वहीं, खनन हादसे से लेकर हत्या तक की आशंका जताई जाती रही। कुछ लोगों ने इसको लेकर चिकित्साकर्मियों से नोंकझोंक भी की। जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने नाराजगी जता रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मंगलवार (05 दिसंबर) को शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया गया।
क्या कहा पुलिस ने?
पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण सामने आया था। वहीं, परिवार वालों की तरफ से वाराणसी में अंतिम संस्कार से लौटने के बाद इसको लेकर, पुलिस को तहरीर दिए जाने की बात बताई जा रही थी। वहीं, युवक की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई? इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा बनी रही।
हंगामा कर रहे परिजन 5 लाख मिलने पर हो गए शांत
ओबरा खनन क्षेत्र में गत 28 नवंबर को बंद पड़ी पत्थर खदान में क्षत-विक्षत हाल में मिले शव के साथ परिजनों ने, खासा हंगामा किया। जिस क्रशर प्लांट पर मृतक काम करता था, उसका घेराव कर मुआवजे की मांग उठाई। क्रशर प्लांट संचालक की तरफ से पीड़ित परिवारीजनों को पांच लाख की मदद मुहैया कराई, तब मुआवजे की मांग कर रहे परिजन शांत रहे। बताते चलें कि ग्राम पंचायत पनारी के परासपानी निवासी हरिगोविंद गोंड़ ओबरा क्षेत्र स्थित एक क्रशर प्लांट पर मजदूरी का काम करता था। प्लांट के पास बंद पड़ी खदान में उसका क्षत-विक्षत हाल में शव पाया गया था। शव की हालत इतनी बुरी हो चुकी थी कि उसे फ़ोरेंसिक जांच के लिये बीएचयू वाराणसी भेजा गया था।
इस पूरी प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय गुजर गया। मंगलवार को परिवार वालों को शव सुपुर्द किया गया तो वह उसे लेकर, मृतक से संबंधित क्रशर प्लांट पर जा धमके और 15 लाख मुआवज़े की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद क्रशर प्लांट संचालक की तरफ से मृतक के दाह संस्कार के लिए एक लाख नकद और चार लाख का चेक देने पर सहमति जताई, तब जाकर परिजन क्रशर प्लांट से हटने को तैयार हुए।