Sonbhadra News: जमीनों को लेकर ‘बड़ा खेल’, गैर अनुसूचितों के नाम आबादी घोषित कर दी गई एससी की जमीन

Sonbhadra News: लेखपालों के जरिए अनुसूचित की जमीनों को, गैर अनुसूचित व्यक्तियों के नाम दर्ज करने का बड़ा खेल सामने आया है।

Update: 2023-08-29 14:33 GMT
गैर अनुसूचितों के नाम आबादी घोषित कर दी गई एससी की जमीन: Photo-Newstrack

Sonbhadra News: लेखपालों के जरिए अनुसूचित की जमीनों को, गैर अनुसूचित व्यक्तियों के नाम दर्ज करने का बड़ा खेल सामने आया है। ताजा मामला राबटर्सगंज तहसील क्षेत्र के सलखन का है। मामला तब पकड़ में आया, जब मामले की पत्रावली मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल डा. मुथुकुमार स्वामी बी. के पास पहुंची। इसको गंभीरता से लेते हुए जहां मंडलायुक्त ने प्रकरण की जांच कराते हुए संबंधित कर्मचारियों लेखपाल व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से भी एसडीएम राबर्टसगंज को कार्रवाई के लिए कहा गया है। इसके क्रम में एसडीएम स्तर से भी मामले की जांच व कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

यह है पूरा प्रकरण

अनुसूचित जाति से आने वाली सलखन निवासी रेंबा देवी ने वर्ष 2013 में अपने ही वर्ग से आने वाले व्यक्तियों की जमीन बैनामा के जरिए खरीदी। आरोप है कि उक्त जमीन पर उसका मकान, सहन और आबादी स्थित होने के बावजूद, संबंधित भूभाग को गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के के नाम 6 (2) के तहत आबादी घोषित कर दी गई। एसडीएम न्यायालय से रिलीफ नहीं मिली तो पीडिता मंडलायुक्त के यहां पहुंची।

एक ही जमीन की दो रिपोर्ट में मिला विरोधाभास

मंडलायुक्त की न्यायालय ने मामले की सुनवाई की। पाया कि इस मामले में जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है उसके कालम - आठ में संबंधित लेखपाल की तरफ से दूसरी स्याही से अतिरिक्त शब्द 20 वर्ष बढ़ाया गया है। वहीं दो अलग-अलग रिपोर्टों में कब्जे की एरिया अलग-अलग और बाद वाली रिपोर्ट में कम दर्शाई गई है।

गांव सभा की जमीन पर नहीं मिल सकता धारा 123 का लाभ

साथ ही न्यायालय के सामने यह भी तथ्य आया कि यूपी जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में आबादी की भूमि पर ही धारा 6(2) का लाभ दिया जा सकता है। जब भूमि गांवसभा की हो या किसी अन्य खातेदार की भूमि पर आवास निर्मित होने की स्थिति में अंतर्गत धारा 123 यूपी जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम का कोई लाभ नहीं दिया जा सकता। साथ ही आबादी के स्वत्व की घोषणा धारा जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की बजाय धारा 229 यूपी जमींदारी विनाश अधिनियम के तहत की जानी चाहिए।

तथ्यों का संज्ञान लेते हुए नए सिरे से निर्णय और कार्रवाई के निर्देश

मंडलायुक्त के न्यायालय से जहां मामले में एसडीएम राबटर्सगंज को नए सिरे से, मामले से जुड़े तथ्यों का संज्ञान लेते हुए निर्णय करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, संदर्भित प्रकरण की जांच कराकर संबंधित तत्कालीन कर्मचारी व अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनिक विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए, मंडलायुक्त न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम सदर निखिल यादव ने फोन पर बताया कि मामले के जांच के संबंध में आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

Tags:    

Similar News