Sonbhadra News: 35 साल बाद दुद्धी में बीजेपी ने रचा इतिहास, पिपरी-चोपन में तोड़ा भाजपा विरोधी हवा का मिथक
Sonbhadra News: वर्ष 1995 में हुए रेणुकूट नगर पंचायत के पहले चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी को जीत मिली थी। इसके बाद से यहां निर्दलियों की ही विजय पताका फहरती रही। इस बार के चुनाव में भी यह परंपरा कायम रही।
Sonbhadra News: विधानसभा चुनाव 2022 की तरह नगर निकाय चुनाव में भाजपा भले ही जिले में क्लीन स्वीप का इतिहास नहीं रच पाई हो लेकिन जहां बीजेपी को 35 साल बाद दुद्धी में कमल खिलाने में कामयाबी मिली है। वहीं पिपरी में खुद के दम पर और चोपन में सहयोगी दल निषाद पार्टी के विरोधी भाजपा विरोधी हवा का मिथक तोड़ने में भी कामयाब रही है। हालांकि ओबरा, अनपरा, डाला, घोरावल, रेणुकूट में मिली हार को भाजपा के लिए बड़ा झटका भी माना जा रहा है। खासकर रेणुकूट और घोरावल की हार, जहां पिछली बार के चुनाव में निर्दल जीत हासिल करने वाली निशा सिंह और राजेश कुमार पर आजमाया गया दांव भी जीत नहीं दिला पाया।
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वर्ष 1995 में हुए रेणुकूट नगर पंचायत के पहले चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी को जीत मिली थी। इसके बाद से यहां निर्दलियों की ही विजय पताका फहरती रही। इस बार के चुनाव में भी यह परंपरा कायम रही। कमोवेश ऐसी ही स्थिति दुद्धी और पिपरी नगर पंचायत की भी बनी हुई थी लेकिन विधानसभा चुनाव में मिथक तोड़कर दुद्धी विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रही भाजपा, दुद्धी नगर पंचायत के चुनाव में भी 35 वर्ष बाद जीत दर्ज कर, एक नया इतिहास रच दिया।
भाजपा के लिए इस बार मुफीद साबित हुई पिपरी की चुनावी फिजां
निर्दलियों के लिए मुफीद माने जाने वाली पिपरी की चुनावी फिजां, इस बार भाजपा के लिए मददगार साबित हुई। वर्ष 2017 के चुनाव में पिपरी नगर पंचायत से निर्दल उम्मीदवार के रूप में बड़ी जीत हासिल करने वाले दिग्विजय प्रताप सिंह को इस बार भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। अपने पांच साल के कार्यकाल में भाजपा के निशाने पर रहने वाले दिग्विजय प्रताप सिंह, सत्तापक्ष की उम्मीदों पर खरा साबित हुए और यहां भाजपा विरोधी हवा बहने का मिथक तोड़ते हुए जीत हासिल कर ली। इसी तरह चोपन में भी अब तक का निकाय चुनाव परिणाम, सत्ताधार पार्टी के प्रतिकूल माना जाता था लेकिन इस बार भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उस्मान ने भी इस मिथक को तोड़ दिया।