Sonbhadra News: डेंगू पर नियंत्रण के लिए मच्छरों के 'लाचिंग पैड' का करें खात्मा, ये तरीके होंगे मददगार साबित
Sonbhadra News: जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने, लोगों को डेंगू-मलेरिया के खतरे से आगाह किया। डेंगू को लेकर विशेष अलर्ट करते हुए कहा कि अपने घरों और आस-पास को डेंगू के मच्छरों का पनहगार न बनने दें। कूलर का पानी प्रति सप्ताह बदलें।
Sonbhadra News: बारिश का समय नजदीक आता देख जहां स्वास्थ्य महकमा डेंगू और मलेरिया को लेकर अलर्ट हो उठा है। वहीं संवेदनशील स्थलों पर अभी से निगरानी बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। घरों में जलभराव वाले स्थलों पर तैयार होने वाले मच्छरों के लाचिंग पैड (लार्वा उत्पत्ति के कारण) के खात्मे को लेकर भी जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र श्रीवास्तव की तरफ से गुरूवार को डेंगू के मसले पर पीडब्ल्यूडी डाक बंगले में लोगों से संवाद स्थापित किया और उन्हें डेंगू-मलेरिया से आगाह करते हुए, लोगों को इससे बचाव और इसके नियंत्रण के तरीके सुझाए गए।
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कूलर-फ्रिज पर रखें विशेष ध्यान
वायरल रोगों का सिर्फ लक्षणात्मक उपचार होने की जानकारी देते हुए, जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने, लोगों को डेंगू-मलेरिया के खतरे से आगाह किया। डेंगू को लेकर विशेष अलर्ट करते हुए कहा कि अपने घरों और आस-पास को डेंगू के मच्छरों का पनहगार न बनने दें। कूलर का पानी प्रति सप्ताह बदलें। फ्रिज, एसी के साइड में पानी इकट्ठा होने वाले पानी को भी प्रतिमाह बदल दें। नारियल के खोल, कुल्हड़ आदि का सही तरीके से निस्तारण करें। घर में टायर, नांद आदि में बेवजह पानी इकट्ठा न होने दें। गर्मी के समाप्ति के बाद कूलर को हटाते समय, उसके अंदर स्क्रब रबर से मंजाई करें या फिर पेंट कर दें ताकि उसमें कहीं से डेंगू के लार्वा-अंडे को पनपने की जगह न मिलने पाए।
सूखी जगह पर भी वजूद बनाए रखते हैं डेंगू के लार्वा
मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के मच्छर सिर्फ पानी में ही नहीं पनपते बल्कि मादा मच्छरों द्वारा पानी के ऊपर सूखे भाग या एक इंच तक पानी इकट्ठा होने वाली जगह पर अंडे छोड़ दिया जाता है। जैसे ही वहां पानी इकट्ठा होता है, मच्छर पनप उठते हैं। कहा कि इनके चक्र को तोड़ने के लिए जहां कूलर का पानी प्रति सप्ताह बदलना जरूरी है। वहीं घर में किसी कोने में एक इंच पानी भी बेवजह तथा बगैर सही ट्रीटमेंट के इकट्ठा न होने पाए, इसका ख्याल रखना जरूरी है।
मलेरिया का पीएफ, डेंजू का हिमोरैचिक फीवर सबसे ज्यादा खतरनाक
बताया गया कि मलेरिया के दो प्रकारों में पीएफ यानी पैल्सीफोरम प्रजाति और डेंगू के तीन प्रकारों में हिमोरैजिक फीवर सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। जिला मलेरिया अधिकारी के मुताबिक अगर तीन दिन के भीतर, सही उपचार नहीं मिला तो स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स को लेकर परेशान होने की बजाय सही उपचार पर ध्यान दें। डेंगू होने की दशा में सादा पैरासिटामाल का ही सेवन करें। आराम पर ध्यान दें। इससे जुड़े लक्षण समझ में आने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल-चिकित्सक से संपर्क करें।
शोषण-आर्थिक चपत से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों का करें रूख
बताया गया कि डेंगू को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। तेज बुखार, सिरदर्द, आंख-पेटदर्द की स्थिति होने पर तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल पर संपर्क करें। डेंगू की जांच कराए। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिला अस्पताल, सभी पीएचसी, सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर पर प्राथमिक रूप से किट जांच की सेवा निःशुल्क उपलब्ध है। इसके बाद लिए गए सैंपल को लैब जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा जाएगा। उसके लिए भी कोई शुल्क नहीं देना है।