लखनऊ: राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को मोदी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद निहालचंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुख बसावा, मोहन कुंडारिया और जीएम सिद्धेश्वर ने मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
दो साल के रिपोर्ट कार्ड पर फैसला
सूत्रों के अनुसार, सरकार के दो साल के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर पीएम मोदी ने पहले ही कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने के संकेत दे दिए थे। हटाए गए मंत्रियों को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जल्द ही संगठन में कुछ नए लोगों के साथ जोड़ने वाले हैं। इसके लिए भी उन्हें कुछ बड़े और नए चेहरों की दरकार थी।
कठेरिया बोले- पार्टी का आदेश सिर-आंखों पर
इस्तीफा देने से एक दिन पहले कठेरिया ने कहा था 'मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी जहां भी कहेगी मैं काम करने को तैयार हूं। पहले भी संगठन में था, अभी भी संगठन में काम करूंगा। यूपी चुनावों में और ज्यादा मेहनत करूंगा। विधानसभा चुनाव के बाद यूपी में बीजेपी की सरकार बनेगी।' कठेरिया ने कहा, मुझे मंत्रिमंडल से हटाए जाने का कोई दुख नहीं है।
ये माना जा रहा है कि कठेरिया को उनके ढीले कामकाज और गैर जिम्मेदाराना बयान के लिए हटाया गया है ।