UP budget : रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपाय नाकाफी, पढ़िए क्यों?

योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018—19 के बजट में स्वरोजगार के जरिए रोजगार के अवसर बढाने की कोशिश की है। प्रदेश में स्टार्ट—अप फण्ड की स्थापना (250 करोड़), एक जनपद—एक उत्पाद योजना (250 करोड़), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (100 करोड़) और

Update: 2018-02-16 14:41 GMT
UP budget : रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपाय नाकाफी, पढ़िए क्यों?

लखनऊ: योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018—19 के बजट में स्वरोजगार के जरिए रोजगार के अवसर बढाने की कोशिश की है। प्रदेश में स्टार्ट—अप फण्ड की स्थापना (250 करोड़), एक जनपद—एक उत्पाद योजना (250 करोड़), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (100 करोड़) और कौशल विकास मिशन के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। पर सूबे की बड़ी युवा आबादी को आजीविका उपलब्ध कराने की यह कोशिश नाकाफी है। जबकि खुद अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि आजीविका उपलब्ध कराने के लिए कृषि, पशुधन और उदयोग ही साधन हैं।

सरकार 4.28 लाख हजार करोड़ का भारी भरकम बजट लेकर आई है। इसमें 14 हजार 341 करोड़ की नई योजनाएं भी शामिल हैं। सन 2022 तक किसानों की आमदनी को दो गुना करने के लिए रोड मैप तैयार किया गया है। इस लक्ष्य को साधने के लिए खेती—किसानी से जुड़ी योजनाओं की घोषणा भी की गई। किसान उर्जा दक्ष कृषि पम्प आवंटन योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, मुख्यमंत्री फलोदयान योजना लागू की जा रही है। दावा है कि इससे किसानों की आमदनी बढेगी।

डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विवि, लखनऊ के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एपी तिवारी बताते हैं ​कि खेती—किसानी वह क्षेत्र है, जिनमें पूंजी की तुलना में श्रम का उपयोग अधिक होता है। इससे रोजगार बढने की पूरी उम्मीद है क्योंकि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह टिकाऊ फार्मूले हो सकते हैं। मनरेगा सरीखी योजनाएं फौरी तौर पर रोजगार उपलबध करा सकती हैं। पर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और स्टार्टअप पर बल दिए जाने से लोग अपना उदयम शुरू करेंगे। दूसरों को भी रोजगार देंगे। पर इसके लिए जितने बजट की व्यवस्था की गई है। वह नाकाफी है।

अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर

बजट में सिंचाई परियोजनाओं के मामले में नहरों के विकास पर खास तौर पर ध्यान दिया गया है। इसमें सरयू नहर परियोजना बीते कई दशकों से लम्बित रही है। उसके लिए बजट में 1614 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्षों से लम्बित अर्जुन सहायक परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना, कनहर सिंचाई परियोजना, बाण सागर परियोजना को पूरा करने के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। तटबंध​ निर्माण, कटाव निरोधक आदि कामो के लिए 1004 करोड़ का प्रावधान है।

यूपी बजट की खास बातें

1. वेतन, पेंशन और कर्जों के ब्याज में—1.81 लाख करोड़

2. राजकीय संस्थाओं को दी जाने वाली अनुदान—1.08 लाख करोड़

3. राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी—11563 करोड़

4. उर्जा क्षेत्र की योजनाओं के लिए—29883 करोड़

5. नई योजनाएं 14341 करोड़ की

6. राज्य वस्तु एवं सेवा कर और मूल्य संवर्धित कर से 71500 करोड़ राजस्व आएगा

8. आबकारी शुल्क से 23 हजार करोड़ राजस्व आएगा

9. स्टाम्प एवं पंजीकरण से 18 हजार करोड़ निर्धारित

10.वाहन कर से 7400 करोड़ रूपये राजस्व निर्धारित

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