चुनाव आयोग का फैसला: इन उम्मीदवारों पर लगी रोक, दो से ज्यादा बच्चे बने मुसीबत

यूपी में आगामी पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की खबरें चर्चा में है।

Update: 2020-08-30 13:05 GMT
यूपी में पंचायत चुनाव (file photo)

लखनऊ: यूपी में आगामी पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की खबरें चर्चा में है। कई नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में सुझावं दे चुके है और बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी और यूपी के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र चौधरी स्वयं भी इसके पक्ष में है। लेकिन अभी इसको लागू करने से पहले यूपी सरकार को कई पेंच सुलझाने होंगे। माना जा रहा है कि अगर ये कानून लागू भी हो गया तो फिलहाल अभी इसका कोई व्यापक असर नहीं पड़ेगा।

ये भी पढ़ें:लॉकडाउन पर बड़ा ऐलान: 2 दिनों वाला नियम खत्म होगा, जारी हुई गाइडलाइन

सरकार को उप्र. पंचायती राज एक्ट में संशोधन करना होगा

इसके लिए सरकार को उप्र. पंचायती राज एक्ट में संशोधन करना होगा और इसके लिए कानूनी सलाह भी लेनी होगी। साथ ही ये भी देखना होगा कि इस बदलाव के लिए कट आफ डेट क्या रखी जाए। क्योंकि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिछले साल इस रोक को तो सही ठहराया था लेकिन इसे पिछली तारीख से लागू करने को असंवैधानिक ठहरा दिया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। इस फैसले के मुताबिक जिस दिन से यह कानून लागू होगा उसी दिन से इसे लागू माना जायेगा। यानी इस दिन से पहले जिस व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे है उसे पंचायत चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकेगा।

Election (file photo)

फिलहाल उत्तराखंड, राजस्थान, तेलांगना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा और मध्य प्रदेश में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लागू है। जिसमे महाराष्ट्र में दो से अधिक बच्चों वालों के ग्राम पंचायत और नगर पालिका चुनाव लड़ने पर रोक है। महाराष्ट्र का कानून तो यह भी कहता है कि ऐसे व्यक्ति जिनके दो से ज्यादा बच्चे है उन्हे सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है और उन्हे सरकारी राशन के लाभो से भी बेदखल किय जा सकता है।

राजस्थान में पंचायती राज कानून 1994 के मुताबिक

इसी तरह राजस्थान में पंचायती राज कानून 1994 के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के दो से ज्यादा बच्चे है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता लेकिन अगर उसका एक बच्चा दिव्यांग है तो उसे चुनाव लड़ने की छूट मिल सकती है। गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमत्रित्वकाल में वर्ष 2005 में गुजरात लोकल अथारिटिज एक्ट में संशोधन किया गया था। इस संशोधन के बाद दो से ज्यादा बच्चे वाले प्रत्याशियों के पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम का चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी।

voting (file photo)

ये भी पढ़ें:Xiaomi के इस फोन पर भारी कटौती, जानें फीचर्स और स्पेसीफिकेशन

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी दो से ज्यादा बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक है लेकिन यहां इसकी कट आफ डेट 30 मई 1994 रखी गई है। यानी किसी व्यक्ति के 30 मई 1994 से पहले से ही दो से ज्यादा बच्चे है तो वह पंचायत चुनाव लड़ सकता है।

मनीष श्रीवास्तव

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News