Sonbhadra News: डीएम के औचक चेकिंग में सात अधिकारी दफ्तर से मिले नदारद, रुका एक दिन का वेतन
Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में जिलाधिकारी के सरकारी दफ्तरों के औचक निरिक्षण में ज्यादातर अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। जिनका एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।
Sonbhadra News: सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक कार्यालय (The Office) में उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं का निस्तारण किए जाने के शासन के निर्देश के बावजूद कई अधिकारी, इस निर्देश का माखौल उड़ाने में लगे हुए हैं। सुबह 10:30 बजे के करीब डीएम अभिषेक सिंह (DM Abhishek Singh) ने वीडियो कॉलिंग के जरिए ब्लाक कार्यालयों (block offices) और तहसीलों में अधिकारियों की उपस्थिति जांची तो जो तस्वीर सामने आई, उसने उनको भी हैरत में डाल दिया। दस ब्लॉक वाले जिले में सात ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय से नदारद पाए गए। इसको गंभीरता से लेते हुए डीएम अभिषेक सिंह ने सभी अनुपस्थित मिले खंड शिक्षा अधिकारियों (block education officers) का एक दिन का वेतन रोक दिया है। इस बावत उनसे जवाब भी मांगा गया है।
बताया गया कि कई अफसरों को जनता की फरियाद सुनने के समय कार्यालय से नदारद रहने की शिकायत मिल रही थी। शासन स्तर से भी इसकी औचक चेकिंग (surprise checking) करने के निर्देश दिए गए थे। बताते हैं कि इसी क्रम में डीएम अभिषेक सिंह ने मंगलवार की सुबह 10:15 से 10:30 के बीच एसडीएम, तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारियों की उनके कार्यालय में उपस्थिति जांची।
ये अधिकारी अनुपस्थित पाए गए
इस दौरान सभी तहसीलदार और उप जिलाधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद मिले लेकिन खंड विकास अधिकारी चोपन, खंड विकास अधिकारी कोन, खंड विकास अधिकारी नगवां, खंड विकास अधिकारी घोरावल, खंड विकास अधिकारी करमा, खंड विकास अधिकारी दुद्धी, खंड विकास अधिकारी चतरा अनुपस्थित पाए गए।
अनुपस्थित मिले अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोका गया
राबर्ट्सगंज, बभनी और म्योरपुर के खंड विकास अधिकारी (Block Development Officer) कार्यालय में उपस्थित मिले। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सभी अनुपस्थित मिले खंड विकास अधिकारियों का एक दिन का वेतन डीएम की तरफ से रोक दिया गया है। इस बाबत उनसे जवाब भी तलब किया गया है। आगे अनुपस्थित पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। बता दें कि जिले के कई ब्लॉक कैसे हैं जहां कई किमी दुर्गम रास्ते का सफर कर लोग ब्लॉक कार्यालय पहुंचते हैं लेकिन वहां अफसरों के न मिलने से बगैर समस्या का निस्तारण कराए ही उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है।