इस दीवाली गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बनवा रही है योगी सरकार
प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से लगातार अनूठे काम हो रहे हैं। अब राज्य सरकार एक और बड़ा काम करने जा रही है। इस बार दीवाली में चीनी गणेश लक्ष्मी नहीं, बल्कि मिट्टी से बने हुए हस्त निर्मित मूर्तियों को पूजा जाएगा।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से लगातार अनूठे काम हो रहे हैं। अब राज्य सरकार एक और बड़ा काम करने जा रही है। इस बार दीवाली में चीनी गणेश लक्ष्मी नहीं, बल्कि मिट्टी से बने हुए हस्त निर्मित मूर्तियों को पूजा जाएगा।
एक तो यह मूर्तियां आकर्षक होगी साथ ही कम लागत की भी होगी। इसके लिए योगी सरकार स्थानीय कारीगरों को सहयोग कर उनसे मिट्टी के दीए भी बनवाने जा रही हे। सरकार ने अनुश्रवण समिति का गठन कर दिया गया है।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां एवं दीये बाजार की होंगे रौनक
आने वाले दीपावली पर्व पर स्थानीय कारीगरों के हाथों निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां एवं दीये बाजार की रौनक होंगे। प्रदेश में हस्तनिर्मित मूर्तियों की लागत अधिक होने से चीन की मूर्तियां बाजार में ज्यादा बिकती रही है।
यह भी पढ़ें...कोरोना पर बड़ी खुशखबरी: इस महीने तक आ सकती है भारत बायोटेक की वैक्सीन
चीन की मूर्तियां अधिक आकर्षक एवं गुणवत्ता किस प्रकार बन रही है, इसके लिए कारीगरों के विचार, उनकी समस्याओं, सुझाव तथा फाईन आर्ट्स के विशेषज्ञों के माध्यम से उसके समाधान भी समिति द्वारा तलाश किये गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिन मूर्तियों का निर्माण हो रहा है, उनकी निर्माण तकनीक एवं निर्माण सामग्री में भिन्नता एक मुख्य कारण है, जबकि विदेशों में जो मूर्तियां बन रही हैं, वह मिट्टी की नहीं होती तथा साचें में ढालकर आटोमेटिक मशीनों के माध्यम से बनाई जाती हैं, जिससे उनकी लागत कम आती है। उन्होंने बताया कि दीपावली में मिट्टी की मूर्तियों की पूजा का विधान है, इसलिए मिट्टी की गुणवत्तायुक्त आकर्षक मूर्तियों के निर्माण पर बल दिया जाय।
यह भी पढ़ें...उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. में संतराज निर्विरोध सभापति निर्वाचित
‘दीया’ निर्माण को गति प्रदान करने को कहा
जिले में कारीगरों में 8 इंच एवं 12 इंच की 100-100 डाई का निर्माण कराकर वितरण कराया जा रहा है। माटीकला बोर्ड के अधिकारियों को मिट्टी कारीगरों की मांग के परिप्रेक्ष्य में ‘दीया’ निर्माण को गति प्रदान करने को भी कहा गया हैं। उन्होंने कहा कि परम्परागत करीगरों को दीया बनाने वाली मशीन (डाई सहित) वितरित की जा रही। इसी प्रकार मूर्तियों को पेंटिंग के लिए छह अदद एअर कम्प्रेसर (50 लीटर क्षमता वाले) स्पे्र मशीन, पेंटिंग व्हील आदि उपकरणों का वितरण कारीगरों में शीघ्र बांटने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें...UP में Covaxin के तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी, इन शहरों में होगा परीक्षण
खादी और ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में परंपरागत रूप से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाने वाले समूहों को चिन्हित कर उन्हें कार्यस्थल पर उत्तर प्रदेश डिजाइन संस्थान से एप्रूव्ड योग्य आर्टिस्टों के माध्यम से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अनुश्रवण कमेटी से कहा गया हैं कि मूर्तियों के निर्माण कार्यों को गति देने तथा कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करने एवं आवश्यक उपकरण सुलभ कराने काम तुरन्त किया जाए।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।