यूपी: पहला मंत्रिमंडल विस्तार कल, हट सकते हैं ये मंत्री

इनके साथ बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए थे। इस दौरान चारों नेताओं के बीच यूपी में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर लंबी चर्चा की खबरे मिली। माना जा रहा है कि इन नेताओं ने उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल को आखिरी रूप दिया है।

Update:2019-08-20 14:13 IST

लखनऊ: स्पष्ट बहुमत की सरकार में भाजपा ने भले ही मंत्रिमंडल विस्तार न किए जाने के फार्मूले पर अमल किया हो। लेकिन उत्तर प्रदेश में ढाई साल के कार्यकाल में ही मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के मंत्रिमंडल की औपचारिक तैयारी कर ली गई है। बुधवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। अभी योगी सरकार में 43 मंत्री हैं, कोटे के मुताबिक 17 और नये मंत्री बनाये जा सकते हैं।

आगामी सूची में 15 और 16 नये चेहरे शामिल किये जाने की उम्मीद है। आगरा के चौधरी उदयभान सिंह, नोएड से पंकज सिंह, मिर्जापुर से रमाशंकर सिंह पटेल, संगठन से अशोक कटारिया और विद्या सागर सोनकर, चित्रकूट से चंद्रिका उपाध्याय का नाम तय माना जा रहा है। अगड़े समाज से चार, दो दलित और तकरीबन 9-10 ओबीसी कोटे से मंत्री बनाए जाएंगे। स्वतंत्रदेव के इस्तीफे के बाद बुंदेलखंड से भी एक मंत्री बनना तय है।

अभी कुछ दिन पहले मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों को इसलिए विराम लग गया था क्योंकि सूची को लेकर आपसी सहमति नहीं बन पाई थी। अब सूची दिल्ली से फाइनल होकर आ गई है। इनके अलावा जीएस धर्मेश, बृजेश प्रजापति, संजय गंगवार, नीलिमा कटियार, सतीश द्विवेदी, विजय बहादुर पाठक, दिनेश खटिक, दल बहादुर, श्रीराम चौहान, अनिल शर्मा और विजय पाल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। एक केंद्रीय मंत्री के बेटे को भी जगह मिल सकती है।

स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों में डॉ. महेंद्र सिंह, अनिल राजभर, और भूपेंद्र चौधरी को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। जिन मंत्रियों के काम से मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्व वाले विभाग सौंपे जा सकते हैं।

इससे पहल टल गया था

योगी आदित्यनाथ सरकार के करीब ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद अब बुधवार को उनके मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। इससे पहले बीते सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होना था लेकिन कुछ कारणों से यह टल गया था। सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन दिल्ली चली गयी थी अब वह बुधवार को वापस आयेंगी और बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार होगा।

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इससे पहले बीते शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गवर्नर आनंदीबेन पटेल से भी राभजवन में मुलाकात की थी। योगी आदित्यनाथ सरकार में अभी 43 मंत्री हैं, उत्तर प्रदेश में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

अभी भी 17 मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश

इसको देखते हुए अभी भी 17 मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए यह समय उपयुक्त माना जा रहा है। परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।

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लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर से सत्यदेव पचैरी और आगरा से एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद तीनों नेताओं ने योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर भी सरकार का साथ छोड़ चुके हैं। चारों मंत्रियों के विभाग दूसरे सहयोगी मंत्री संभाल रहे हैं।

होगा पहला मंत्रिमंडल विस्तार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार होगा। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल संभव है। मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है कुछ पुराने मंत्री हटाये जा सकते है और कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने पर जोर होगा।

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सरकार में पूर्वांचल और बुंदेलखंड की नुमाइंदगी बढने के आसार हैं। सांसद बनने वाले तीन मंत्रियों में से दो ब्राह्मण और एक दलित हैं। मंत्रिमंडल में होने वाले समायोजन में इस तथ्य पर भी गौर होगा। राजभर की सरकार से बर्खास्तगी की भरपाई स्वतंत्र प्रभार के मंत्री अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाकर की जा सकती है।

गुर्जर समाज का अब नहीं कोई भी मंत्री

राज्य सरकार में गुर्जर समाज का अभी कोई मंत्री नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार में गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। मंत्री पद के लिए गुर्जर समाज से एमएलसी अशोक कटारिया और एमएलए तेजपाल नागर के नाम चर्चा में हैं। अनुसूचित जाति के कोटे में एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे आगे है।

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इनके अलावा धर्मेश जाटव, बृजेश प्रजापति, संजय गंगवार, आशीष पटेल, नीलिमा कटियार, चैधरी उदयभान सिंह, सतीश द्विवेदी, विजय बहादुर पाठक, दिनेश खटिक, दल बहादुर, श्रीराम चैहान और विजयपाल को मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिल सकता है। स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों में डा.महेंद्र सिंह, अनिल राजभर और भूपेन्द्र चैधरी को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। जिन मंत्रियों के काम से मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं, उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्व वाले विभाग सौंपे जा सकते हैं।

हटाये जा सकते हैं 4 से 6 मं‌त्री

सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा मंत्रिमंडल में 4 से 6 मं‌त्री हटाए जाने की उम्मीद है। जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा खराब है, उनका हटना तो तय है। इसके अलावा सूत्रों का ये भी कहना है कि जिन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से ड्रॉप किया जाना है, उनके लिए ये तो सबसे अधिक चिंता का विषय है।

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बताया जा रहा है कि बहुत काम करने के बाद 4 से 6 नामों पर सहमति बन पाई है। अब ये नाम ये नाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बता दिए गए हैं। इन मंत्रियों के नाम परफॉर्मेंस के आधार पर तय किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, इसमें उन नेताओं के नाम भी शामिल हैं, जो लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।

तेज हुई मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा

बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एम्स में भर्ती भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को देखने के लिए दिल्ली पहुंचे, लेकिन इस दौरान अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद सूबे में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है।

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मुख्यमंत्री के साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के दिल्ली जाने और भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल के पहले से वहां मौजूद रहने से इस चर्चा को और बल मिला। चर्चा है शाह से मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने वाले चेहरों और विभागों के आवंटन पर विमर्श हुआ।

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को मिली किक

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को शनिवार को तब और बल मिला जब मुख्यमंत्री योगी शाम को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने राजभवन पहुंचे। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। यह मुलाकात बेहद अहम थी, जिसको पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। इनके बीच कैबिनेट फेरबदल और नए मंत्रियों को शामिल करने को लेकर चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद से ही यूपी मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं।

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इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।

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इनके साथ बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए थे। इस दौरान चारों नेताओं के बीच यूपी में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर लंबी चर्चा की खबरे मिली। माना जा रहा है कि इन नेताओं ने उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल को आखिरी रूप दिया है।

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