उन्नाव कांड अपडेट: पीड़िता के इलाज का खर्च उठाएगी सरकार, सीएम योगी ने दिया आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की पूरी रिपोर्ट डीजीपी से उपलब्ध कराने को कहा है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रही एक किशोरी के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार की तरफ से उठाने की बात कही है।
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे जिले उन्नाव में तीन किशोरियों जंगल में बंधे पाए जाने के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की पूरी रिपोर्ट डीजीपी से उपलब्ध कराने को कहा है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रही एक किशोरी के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार की तरफ से उठाने की बात कही है।
लड़कियों की बॉडी जहरीला पदार्थ
उल्लेखनीय है कि उन्नाव में हुई घटना के दौरान मृत पाई गईं दो लड़कियों की बॉडी के पोस्टमार्टम में जहरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।
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बुधवार को शाम उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा इलाके के बबुरहा गांव के बाहर बुधवार को दलित बिरादरी की तीन युवतियां बेसुध मिली थी। अस्पताल ले जाने पर उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने यहां बताया कि बबुरहा गांव में एक ही परिवार की 15,14 और 16 साल की तीन लड़कियां अपराह्न करीब तीन बजे जानवरों के लिए चारा लेने घर से निकली थीं। देर शाम तक वापस ना आने पर परिजनों ने उनकी तलाश की तो वे तीनों गांव के बाहर खेत में मिली और वे एक दुपट्टे से बंधी हुई थी।
बता दें उन्नाव में असोहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पाठकपुर के मजरे बबुरहा में बुधवार दोपहर बाद 3 बजे के करीब कोमल पुत्री संतोष पासी उम्र 16 वर्ष, काजल पुत्री सूरजपाल पासी उम्र लगभग 13 वर्ष, रोशनी पुत्री सूर्य बली उम्र लगभग 17 वर्ष बबुरहा नाला के पास खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गई थीं।
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उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है-प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा- उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच - पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है। खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा। यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुने एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।
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