भारत रोकेगा तबाही: आ गई ये कोरोना की दवा, पूरी दुनिया रह गई दंग

महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इस महामारी से दुनिया के तमाम बड़े-बड़े देश जैसे भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस समेत अन्य कई देश भी बुरी तरह प्रभावित हैं।

Update: 2020-07-11 09:15 GMT

नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इस महामारी से दुनिया के तमाम बड़े-बड़े देश जैसे भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस समेत अन्य कई देश भी बुरी तरह प्रभावित हैं। ऐसे में अभी तक इस वायरस की वैक्सीन न बन पाने के कारण इसका रुकना भी संभव नहीं है। जिसके चलते भारत समेत कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर प्रयासरत हैं। साथ ही दूसरी तरफ इस वायरस की दवा तैयार करने में भी दुनियाभर की कई कंपनियां लगी हुई है। लेकेिन अभी तक इसका कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है।

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कोरोना महामारी की एक नई दवा

दुनियाभर में इस महामारी का पहले से उपलब्ध कुछ दवाओं का इस्तेमाल कोरोना के इलाज में किया जा रहा है। ऐसे में बीते दिनों फैबिफ्लू, डेक्सामेथासोन जैसी कुछ दवाओं को भी डॉक्टरों की निगरानी में कोरोना महामारी के इलाज में इस्तेमाल करने की इजाजत मिली है।

लेकिन अब कोरोना महामारी की एक नई दवा सामने आई है, जो संक्रमित मरीज के शरीर में कोरोना वायरस को संख्या बढ़ाने से रोकेगी। तो बताते हैं आपको इस दवा के बारे में-

कोरोना वायरस के इलाज के लिए रूस की फार्मा कंपनी आर-फार्मा नेे नई दवा तैयार की है। यह नई दवा एंटीवायरल है, इसका नाम कोरोनाविर रखा गया है। साथ ही क्लीनिकल ट्रायल यानी नैदानिक परीक्षण के बाद इस दवा को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है।

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दवा वायरस का रेप्लिलेशन रोकती

रूसी कंपनी आर-फार्मा कंपनी का दावा है कि कोरोना के मरीजों पर यह दवा बेहतर असरदायक है। कोरोनाविर नाम की यह दवा वायरस का रेप्लिलेशन रोकती है यानी कि यह दवा वायरस को बढ़ाने से रोकती है।

साथ ही रूस की इस कंपनी का ये भी दावा है कि 'कोरोनाविर' देश की पहली ऐसी दवा है, जो कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह कारगर है।

पूरे विश्व में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इसके संक्रमण की गति को रोकने को कई तरह के उपाय हो रहे हैं, लेकिन इस समस्या की जड़ तो कोरोना वायरस ही है। संक्रमित मरीजों के शरीर में जाने के बाद यह दवा कोरोना की संख्या को बढ़ने से रोक देती है।

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कोरोना के मरीजों की तुलना की गई

रशियन फार्मा कम्पनी आर-फार्म के मुताबिक, क्लीनिकल ट्रायल के दौरान इस दवा के शानदार परिणाम आए हैं। ट्रायल के दौरान कोरोनाविर ले रहे और दूसरी थेरेपी या दवा ले रहे कोरोना के मरीजों की तुलना की गई। इस दौरान सामने आया कि दूसरी दवा और थेरेपी के मुकाबले कोरोनाविर लेने वाले मरीजों में 55 फीसदी अधिक सुधार हुआ।

बता दें, कि इससे पहले भारतीय मार्केट में महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए दवा मौजूद है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी (Glenmark Pharmaceuticals) ने एंटीवायरल दवा फेविपिराविर (Favipiravir) को अपग्रेड कर फैबिफ्लू (FabiFlu) नाम से दवा का बाजार में उतारा है। इस दवा को कोरोना के शुरुआती मरीजों के इलाज के लिए बेहद कारगर बताया जा रहा है।

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