चीन की कंपनियां बैन: अमेरिका ने लिया फैसला, दिया बड़ा झटका

अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ती तनातनी के बीच अमेरिका ने एक बार फिर कड़ा तेवर दिखाया है। अमेरिका ने 24 चीनी कंपनियों और उनसे जुड़े अधिकारियों पर बुधवार को प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।

Update:2020-08-26 21:53 IST

अंशुमान तिवारी

वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ती तनातनी के बीच अमेरिका ने एक बार फिर कड़ा तेवर दिखाया है। अमेरिका ने 24 चीनी कंपनियों और उनसे जुड़े अधिकारियों पर बुधवार को प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। यह कार्रवाई विवादित दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप निर्माण के सिलसिले में की गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन पर की गई इस कड़ी कार्रवाई की जानकारी दी है।

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चीन पर अस्थिरता फैलाने का आरोप

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि 2013 से ही विवादित दक्षिणी चीन सागर में चीन का रवैया ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन ने अपने देश के स्वामित्व वाले उद्यमों का उपयोग गलत काम के लिए किया है। चीन ने इन उद्यमों का उपयोग दक्षिणी चीन सागर में 3000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनी चीजों को गिराने और उस पर अपना दावा मजबूत करने के लिए किया है।

उन्होंने कहा कि चीन के इस कदम से इस क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि चीन पड़ोसियों के संप्रभुता के अधिकारों का हनन कर रहा है और पर्यावरण को नष्ट करने में जुटा हुआ है। इसीलिए उन 24 कंपनियां और उनसे जुड़े अफसरों पर कार्रवाई की गई है जिन्होंने दक्षिणी चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण में भूमिका निभाई है।

चीन का मुकाबला करने में ट्रंप ही सक्षम

अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने देश के लोगों से कहा कि मौजूदा समय में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो चीन और उसकी घातक आक्रामक प्रवृत्तियों का मुकाबला करने में सक्षम है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया में कोरोना वायरस वआर्थिक तबाही फैलाने पर चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और वह अभी भी चैन से नहीं बैठे हैं।

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ट्रंप को दोबारा मौका देने की अपील

उन्होंने कहा कि यदि अमेरिकी लोग देश को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो उन्हें दोबारा राष्ट्रपति ट्रंप को मौका देना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री ने दलीय राजनीति से अमेरिका के विदेश मंत्रियों को अलग रखे जाने की परंपरा को भी तोड़ दिया है। उन्होंने खुलकर अमेरिकी लोगों से ट्रंप का समर्थन करने की अपील की है।

ट्रंप ने चीन को बेनकाब किया

पॉम्पियो ने येरूसलम से रिपब्लिकन नेशनल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया ने राष्ट्रपति ट्रंप की साहसी पहल को देखा है और वह दुनिया के हर हिस्से में प्रभावी कार्रवाई करने में कामयाब रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की घातक आक्रामक प्रवृत्ति को बेनकाब करने में सफल रहे हैं।

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चीन के खिलाफ ट्रंप का कड़ा रवैया

अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत के विरुद्ध चीन की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि चीन क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने में जुटा हुआ है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना संकट की शुरुआत से ही चीन के खिलाफ कड़ा रवैया अख्तियार कर रखा है। हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के मुद्दे पर भी उन्होंने चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

उन्होंने चीन पर लापरवाही बरतने और पूरी दुनिया को बड़ी मुसीबत में फंसाने का आरोप लगाया है। आगामी नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। उन्हें जो बिडेन से कड़ी टक्कर मिल रही है और कई सर्वे में बिडेन उनसे आगे निकलते देख रहे हैं।

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