भारत नहीं, अमेरिका और चीन में होगा युद्ध! ट्रंप ने लिए ये 7 बड़े फैसले
कोरोना वायरस के प्रसार और चीन के विस्तारवादी मानसिकता के खिलाफ अमेरिका बौखलाया हुआ है। हाल के दिनों में दोनों ही मुल्कों की तरफ से कुछ ऐसी बयानबाजी हुई है। जिससे ये माना जा रहा है कि चीन और अमेरिका के रिश्ते बिगड़ चुके हैं।
वाशिंगटन: कोरोना वायरस के प्रसार और चीन के विस्तारवादी मानसिकता के खिलाफ अमेरिका बौखलाया हुआ है। हाल के दिनों में दोनों ही मुल्कों की तरफ से कुछ ऐसी बयानबाजी हुई है।
जिससे ये माना जा रहा है कि चीन और अमेरिका के रिश्ते बिगड़ चुके हैं। अब खबरें ऐसी आ रही हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कोई बडा एक्शन लेने वाले है।
जिस तरह से अमेरिकी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। उससे भी ये बात साफ़-साफ़ पता चलती है।
ट्रंप की प्रेस सेक्रेटरी कायली मैकनेनी ने गुरूवार को कहा, 'चीन पर होने वाली कार्रवाई के बारे में मैं राष्ट्रपति से पहले कुछ नहीं बता सकती लेकिन, जल्द ही आप इस बारे में सुनेंगे।
आपको हमारे अगले कदम के बारे में इंतजार करना होगा। गौरतलब है की बीते 15 दिनों में ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ एक के बाद एक 7 बड़े फैसले लिए हैं।
चीन के साथ विवाद पर अमेरिका खुलकर भारत के साथ, दुनिया के सभी देशों से कही ये बात
अमेरिका ने चीन के खिलाफ उठाये ये बड़े कदम
23 जून: अमेरिका ने H-1B वीज़ा पर इस साल के अंत तक रोक लगाने का फ़ैसला किया, जिसका सबसे अधिक असर चीन और उसके बाद भारत के नागरिकों पर पड़ेगा।
27 जून: इसके अलावा अमेरिका ने जर्मनी से सैनिकों को कम कर इंडो- पैसिफ़िक क्षेत्र में तैनाती का फ़ैसला भी जून के अंत में किया और दो एयरक्राफ्ट कैरियर भी साउथ चाइना सी में तैनात कर दिए हैं।
30 जून: अमेरिका के फ़ेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (एफसीसी) ने 30 जून को हुवावे टेक्नोलॉजीज़ कंपनी और ज़ेडटीई कॉरपोरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए बयान जारी किया है।
5G के क्षेत्र में इन कंपनियों का वर्चस्व पूरी दुनिया मानती है।
2 जुलाई: हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लागू करने के चीन के फ़ैसले के बाद भी अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने हांगकांग से संबंधित नए प्रतिबंधों को मंज़ूरी दी है।
प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन के अधिकारियों के साथ जो भी बैंक बिज़नेस करेंगे, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
4 जुलाई : अमेरिका ने एक बार फिर तीन जहाज़ दक्षिण चीन सागर इलाक़े में भेजे थे, जिस पर चीन अपना दावा करता आया है और चीन की सेना ड्रिल कर रही है।
इससे चिढ़कर चीन ने यूएस नेवी को चतावनी दी जिसका उन्होंने मजाक बना दिया था।
5 जुलाई: भारत-चीन सीमा तनाव पर भी अमेरिका के विदेश मंत्री ने भारत का साथ देने की बात खुलकर कही।
व्हाइट हाउस ने भी स्पष्ट कहा है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में चीनी सेना भारत का साथ देगी।
7 जुलाई: भारत की तरह ही अमेरिका भी टिकटॉक पर बैन लगाने की बात कर रहा है। अमेरिका की तरह ऑस्ट्रेलिया ने भी ये बात कही है।
अमेरिका चीन के खिलाफ अतिरिक्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है
चीन ने हॉन्कॉन्ग में नया कानून लाकर उसे हड़प लिया: अमेरिका
अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) ओ ब्रिन ने बुधवार को कहा था कि चीन ने हॉन्कॉन्ग में नया सुरक्षा कानून लाकर उसे हड़प लिया है। यह इस दशक की सबसे बड़ी घटना है। इसके अलावा चीन अब वहां के आजाद लोगों पर अपनी मर्जी थोप रहा है।
वहीं फेडरल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एफबीआई) के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा माना है। वह अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए चीन मूल के अमेरिकी लोगों को भी परेशान कर रहा है।
चीन अमेरिका के कोरोना से जुड़े रिसर्च पर असर डालना चाहता है।
उन्होंने मंगलवार को वॉशिंगटन के हडसन इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में यह बात कही थी।
उन्होंने चीन पर अमेरिका में आर्थिक स्थिति की जासूसी, डाटा चोरी और गैर कानूनी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।
तिब्बत के मुद्दे पर अमेरिका और चीन में तनातनी बढ़ी, ड्रैगन ने भी किया ये एलान