चीन की बिकाऊ मीडिया! जिनपिंग सरकार का पूरा कब्जा, ऐसे होता है इस्तेमाल

अब अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी विदेश विभाग ने अमेरिका में काम कर रही छह चीनी मीडिया कंपनियों को विदेशी मिशन करार दिया है। यानी अमेरिका इनको मीडिया हाउस की बजाए चीन का सरकारी दफ्तर मानता है।

Update: 2020-10-24 07:11 GMT
चीन की बिकाऊ मीडिया! जिनपिंग सरकार का पूरा कब्जा, ऐसे होता है इस्तेमाल

नई दिल्ली: अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन चीन के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाता चला जा रहा है। इस कड़ी में अब अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी विदेश विभाग ने अमेरिका में काम कर रही छह चीनी मीडिया कंपनियों को विदेशी मिशन करार दिया है। इसका मतलब ये है कि अमेरिका इनको मीडिया हाउस की बजाए चीन का सरकारी दफ्तर मानता है। इसके पहले चीन की 9 मीडिया कंपनियों का दर्जा बदल दिया गया था सो अब कुल 15 चीनी मीडिया आउटलेट्स इसकी जद में आ गए हैं।

चीनी मीडिया आजाद नहीं है

असलियत यही है कि चीनी मीडिया आजाद नहीं है और वो वही प्रकाशित करता है जो चीन का शासन और कम्यूनिस्ट पार्टी उसे प्रकाशित करने को कहती है। इसलिए इनको चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रचार तंत्र का हिस्सा माना जाना चाहिए। अमेरिकी में चीनी मूल के लाखों नागरिक हैं और इनके लिए चीनी मेनलैंड की खबरें और चीनी समुदाय की जानकारी प्रकाशित करने के बहाने चीन के ढेरों मीडिया आउटलेट्स अमेरिका में काम कर रहे हैं। ये सभी आउटलेट चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के कंट्रोल में हैं।

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सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पेओ ने घोषणा की है कि ‘यिकई ग्लोबल’, ‘जीफेंग डेली’, ‘शिन्मिन इवनिंग न्यूज़’, ‘सोशल साइंसेज इन चाइना प्रेस’, ‘बीजिंग रिव्यु’ और ‘द इकनोमिक डेली’ का दर्जा अब मीडिया संस्थान का नहीं रह गया है और ये सब चीन के विदेश स्थित कार्यालय माने जायेंगे और इसी के अनुरूप इनके कर्मचारियों से व्यवहार किया जाएगा। इसकी वजह ये है कि ये मीडिया आउटलेट्स चीनी शासन की मिलकियत हैं या फॉर उसके द्वारा पूरी तरह कंट्रोल किये जा रहे हैं।

(फोटो- सोशल मीडिया)

मीडिया हाउस नहीं, विदेशी दूतावास

मीडिया आउटलेट्स के नए वर्गीकरण से इनका अमेरिका में कामकाज सीमित हो जायेगा लेकिन इनका प्रकाशन जारी रहेगा। नए दर्जे का मतलब ये है कि इनको अब विदेशी दूतावास या राजनयिक मिशन माना जाएगा सो इनके कर्मचारियों और संपत्ति का पंजीकरण अमेरिकी विदेश विभाग के यहाँ करना अनिवार्य होगा।

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अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पेओ का अकहना है कि हम बस ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अमेरिकी लोग आजाद प्रेस द्वारा लिखी गयी खबर और चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की प्रचार सामग्री में अंतर कर पाएं।

फोटो- सोशल मीडिया

चीनी सरकार के हैं सब मीडिया हाउस

यिकई ग्लोबल, शंघाई मीडिया ग्रुप का एक बड़ा फाइनेंशियल अख़बार है। शंघाई मीडिया ग्रुप चीनी सरकार के स्वामित्व वाले मीडिया हाउसों में से एक है। जिफेंग डेली, चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की शंघाई कमेटी का अधिकारिक दैनिक अखबार है। शिन्मिन इवनिंग न्यूज़ का मालिक शंघाई यूनाइटेड मीडिया ग्रुप है जिसका कंट्रोल शंघाई सरकार के हाथ में है।

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चाइना सोशल साइंसेज प्रेस का प्रबंधन चीनी शासन के थिंक टैंक ‘चाइनीज़ अकादमी ऑफ़ सोशल साइंसेज’ के पास है। बीजिंग रिव्यु अंग्रेजी भाषा की पत्रिका है जिसका प्रकाशन चाइनीज़ इंटरनेशनल पब्लिशिंग ग्रुप करता है जिसका स्वामित्व चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के पास है। द इकनोमिक डेली, चीनी कम्यूनिस्ट सेन्ट्रल कमेटी का प्रकाशन है।

अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि पिछले एक दशक से, खासकर शी जिनपिंग के कार्यकाल में चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी ने शासन के कंट्रोल वाले प्रचार आउटलेट्स पर तगड़ा कंट्रोल कर लिया है। ऐसे आउटलेट्स को दिखावे के लिए स्वतंत्र मीडिया आउटलेट बताया जाता है।

नीलमणि लाल

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