अमेरिका में कोरोना वायरस से 40 की मौत, ट्रंप ने उठाया ये बड़ा कदम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के खतरे को नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसी के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने इस खतरनाक संक्रमण से निपटने के लिए अभूतपूर्व आर्थिक और वैज्ञानिक उपायों का सहारा ले लिया है। अगले कुछ ही महीनों में चुनाव में उतरने जा रहे राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं मोल लेना चाहते हैं।

Update: 2020-03-14 01:05 GMT

नई दिल्ली अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के खतरे को नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसी के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने इस खतरनाक संक्रमण से निपटने के लिए अभूतपूर्व आर्थिक और वैज्ञानिक उपायों का सहारा ले लिया है। अगले कुछ ही महीनों में चुनाव में उतरने जा रहे राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं मोल लेना चाहते हैं।

ट्रंप ने कहा कि उनके इस एक्शन से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए 50 अरब डॉलर का फंड मिल जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की केंद्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय एजेंसियां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस फंड का इस्तेमाल करेंगी। अमेरिका में अबतक कोरोना वायरस से लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है।

ट्रंप ने " एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "क्योंकि हमारे पास एक बहुत मजबूत सीमा नीति है, इसी वजह से कोरोना वायरस से 40 मौतें हुई हैं। यदि हमारी कमजोर या खुली सीमाएं होतीं, तो यह संख्या कई गुना अधिक होती!"

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि नेशनल इमरजेंसी दो बहुत बड़े शब्द हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस कदम से अमेरिकी सरकारी पूरी शक्ति का इस्तेमाल इस बीमारी से लड़ने में हो सकेगा। ट्रंप के इस कदम ने अमेरिकी प्रशासन के लिए मानो कुबेर का खजाना खोल दिया है। नेशनल इमरजेंसी लागू होने से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ट्रंप प्रशासन 50 अरब डॉलर यानी कि लगभग 37 खरब रुपये का इस्तेमाल कर सकेगा।



ट्रंप ने अमेरिकी राज्यों से कहा कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में आपातकाल ऑपरेशन सेंटर को प्रभावी रूप से चालू करें। ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि इस बीमारी का संक्रमण पूरी तरह से रोका जाए। उन्होंने कहा कि जो इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें अच्छा से अच्छा इलाज दिया जाए। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें कुछ बदलाव करना पड़ेगा और त्याग करने पड़ेंगे, लेकिन कुछ समय का यह त्याग लंबे समय में लाभकारी साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगल आठ सप्ताह कठिन हैं।

समाचार एजेंसी ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने उन दो कंपनियों को 13 लाख डॉलर देने का एलान किया है जो एक ऐसा टेस्ट विकसित कर रही हैं जिससे मात्र एक घंटे में पता लगाया जा सकेगा कि क्या कोई शख्स कोरोना वायरस से पीड़ित है या नहीं।

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अमेरिका की विपक्षी पार्टियां ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगा रही है कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर रही है। इसके बाद ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को 1988 के एक कानून के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने का फैसला किया है। इस घोषणा के साथ फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी नाम की संस्था राज्यों और स्थानीय सरकारों को आर्थिक मदद देने के लिए कानूनी रूप से सक्षम हो जाएगी। इसके साथ ही पूरे अमेरिका में सपोर्ट टीम की तैनाती भी की जाएगी। बता दें कि अमेरिकी सरकारें इस पावर का कम ही इस्तेमाल करती हैं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन ने साल 2000 में वेस्ट नील वायरस के खतरे को देखते हुए ऐसी ही आपातकाल की घोषणा की थी।

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