मुशर्रफ को मौत की सजा मिलने पर बौखलाई इमरान सरकार, जज को देगी ये बड़ी सजा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। अब कोर्ट ने अपने एक विस्तृत फैसले में बेहद अजीबोगरीब बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि मुशर्रफ को फांसी दिए जाने से पहले उनकी मौत हो जाती है।

Update:2019-12-20 14:07 IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। अब कोर्ट ने अपने एक विस्तृत फैसले में बेहद अजीबोगरीब बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि मुशर्रफ को फांसी दिए जाने से पहले उनकी मौत हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के सेंट्रल स्क्वायर पर घसीटकर लाया जाए और तीन दिन तक लटकाकर रखा जाए।

कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान की इमरान बौखला गई है। अब उसने कहा कि वह न्यायाधिकरण के मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रमुख को हटाने के लिए उच्चतम न्यायिक परिषद का रुख करेगी। पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ ने अपने लिखे 167 पन्ने के फैसले में कहा है कि यदि फांसी दिए जाने से पहले मुशर्रफ की मौत हो जाती है तो उनके शव को इस्लामाबाद के सेंट्रल स्क्वायर पर खींचकर लाया जाए और तीन दिन तक लटकाया जाए।

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इस फैसले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी कानूनी टीम से सलाह मशविरा किया और उनके शीर्ष सहायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक के फैसले की घोषणा की गई।

कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि फैसला दिखाता है कि जज सेठ मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, क्योंकि उन्होंने कहा कि अगर पहले मुशर्रफ की मौत हो जाती है तो उनके शव को फांसी पर लटकाया जाए। कानून मंत्री ने कहा कि ऐसी सजा पाकिस्तान के किसी भी कानून के खिलाफ है।

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उन्होंने कहा कि संघीय सरकार ने उच्चतम न्यायिक परिषद में जाने का फैसला किया है, क्योंकि सरकार का मानना है कि ऐसे व्यक्ति किसी उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नहीं हो सकते।

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नसीम ने कहा कि अगर ऐसे न्यायाधीश फैसला देते हैं तो ऐसे न्यायाधीश मानसिक रूप से अस्वस्थ और अक्षम हैं। पाकिस्तान में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को पद से हटाने के लिए उच्चतम न्यायिक परिषद ही एकमात्र संस्था है।

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