पाकिस्तान में आर्मी चीफ बाजवा ने PM इमरान का किया तख्तापलट! ये है बड़ा सबूत
पाकिस्तान में बार-बार इमरान सरकार पर सवाल खड़ हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान सिर्फ मुखौटा प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि देश की कमान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के हाथ में है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान में बार-बार इमरान सरकार पर सवाल खड़ हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान सिर्फ मुखौटा प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि देश की कमान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के हाथ में है। इस बात ने तब से और जोर पकड़ लिया है जब से अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन न करके जनरल बाजवा को फोन किया है।
दरअसल अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर ईरानी जनरल कमांडर कासिम सुलेमानी को हमले में मार दिया। इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान समेत कई देशों से बातचीत की और अपनी स्थिति स्पष्ट की। अमेरिका ने बताया कि उसने मध्य-पूर्व क्षेत्र में अमेरिकी हितों की सुरक्षा के लिए सुलेमानी की हत्या की।
बता दें कि सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ गया था। ईरान ने भी बदले की कार्रवाई करते हुए इराक में अमेरिका के सैन्य कैंप पर मिसाइलों से हमला किया था, लेकिन इसमें किसी सैनिक की मौत नहीं हुई थी। हालांकि ईरान ने 80 सैनिकों के मारने का दावा किया था।
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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जानकारी देते हुए बताया था कि कासिम सुलेमानी को मारने की अमेरिकी रक्षात्मक कार्रवाई पर मैंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा से बातचीत की है। क्षेत्र में ईरान की गतिविधियां अस्थिरता पैदा करने वाली हैं। हम अमेरिका के हितों और नागरिकों की सुरक्षा के अपने संकल्प से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के अलावा जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास, फ्रांस के विदेश मंत्री जिएन युवेस ले ड्रियान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से बातचीत की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के इसी बयान के बाद मानों दुनिया में सवाल खड़े होने लगे कि क्या जनरल बाजवा ने प्रधानमंत्री इमरान खान का तख्ता पलट कर दिया है? समय-समय पर ऐसी आवाजें आती रहती हैं कि आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने इमरान खान का तख्ता पलट कर दिया है और असली प्रधानमंत्री वही हैं।
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सुलेमानी की मौत और अमेरिकी एयर स्ट्राइक को छोड़कर इस बात की ही बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर माइक पोम्पियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन करने के बजाय जनरल बाजवा को फोन क्यों मिलाया? पाकिस्तान की विपक्ष पार्टियां भी आरोप लगा रही हैं कि पाकिस्तान की असली कमान सेना के ही हाथों में हैं जबकि इमरान खान सिर्फ नाम के प्रधानमंत्री हैं और सरकार चला रहे हैं।
पाकिस्तानी समेत दुनिया भर के सोशल मीडिया ने इसे लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक यूजर ने पूछा है कि आर्मी चीफ क्यों? क्या हमारे यहां राष्ट्राध्यक्ष या आदरणीय प्रधानमंत्री बातचीत के लिए मौजूद नहीं हैं? तो वहीं एक अन्य यूजर ने पूछा कि अमेरिका ने बाकी सारे देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ बात की, लेकिन पाकिस्तान में उन्होंने सेना प्रमुख बाजवा को क्यों फोन किया? एक ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री के इस बयान से बिल्कुल साफ है कि वह पाकिस्तान का मुखिया किसे मानता है।
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बता दें कई मौकों पर देखा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान की एक भी नहीं चलती है, क्योंकि आर्मी चीफ बाजवा जो चाहते हैं वहीं होता है। पाकिस्तान में भी लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान सिर्फ मुखौटा हैं, बाजवा जो कहते हैं वहीं होता है।