ऑस्ट्रेलिया ने की कोरोना जांच की मांग, अब बौखलाए चीन ने किया बड़ा हमला

चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। चीन पर कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छुपाने के आरोप लग रहे हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों ने इसकी जांच करने की मांग की है।

Update: 2020-05-13 15:18 GMT

नई दिल्ली: चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। चीन पर कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छुपाने के आरोप लग रहे हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों ने इसकी जांच करने की मांग की है। अब इससे बौखलाया चीन उन देशों को धमकी दे रहा है जो कोरोना महामारी की जांच की मांग कर रहा है।

अब इस चीन ने जांच की मांग करने वाले देशों के खिलाफ व्यापार को हथियार बना लिया है और उसके जरिए हमला कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया की कोरोना वायरस महामारी की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग पर बौखलाए चीन ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे पहले चीन ने ऑस्ट्रेलिया को महामारी की जांच कराने को लेकर कई धमकी दे चुका है। अब कुछ दिनों के भीतर ही चीन ने वहां के उद्योगों को बड़ा झटका दिया है।

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80 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा चीन

चीन ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया से जौ आयात पर 80 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। इसके अलावा चीन ने क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के चार मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स से बीफ आयात पर भी बैन लगा दिया है। अब यह सच साबित हो गया है कि चीन कोरोना महामारी को लेकर ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक राय पर उसे सजा देने की तैयारी कर रहा है।

ऑस्ट्रेलियाई बीफ पर बैन और जौ पर टैरिफ बढ़ाने के बाद चीन अमेरिका समेत दूसरे देशों से इन चीजों का आयात कर सकता है। विश्लेषकों के मुताबिक इससे चीन को ट्रेड डील के तहत अमेरिका से आयात बढ़ाने की शर्त को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

जब ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच करने की मांग थी उस समय चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत चेंग जिंगाये ने धमकी दी थी कि इस तरह का कदम उठाने पर चीन के लोग ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे।

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चीन के राजदूत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच की मांग करना बहुत खतरनाक कदम है। चीन के राजदूत ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया जो कर रहा है, उससे चीन की जनता परेशान और निराश हुई है। अगर हालात बद से बदतर होते हैं तो लोग सोचेंगे कि हम ऐसे देश क्यों जाएं जिसका चीन के प्रति रवैया दोस्ताना नहीं है। चीनी पर्यटक ऑस्ट्रेलिया आने से पहले सौ बार सोचेंगे।

चेंग ने कहा कि यह पूरी तरह से लोगों के ऊपर निर्भर है। हो सकता है कि आम जनता कहे कि हम ऑस्ट्रेलियन वाइन क्यों पिए या हम ऑस्ट्रेलिया का बीफ क्यों खाएं। चेंग की इस धमकी पर चीन की सरकार ने अब अमल भी कर दिया है।

कनाना पर भी कर चुका है ऐसी कार्रवाई

दुनिया पहले से जानती है कि चीन किसी देश से राजनीतिक मतभेद होने पर वहां से आयात पर प्रतिबंध लगा दे। मार्च 2019 में, चीन ने जहाज में हानिकारक कीटाणु मिलने का दावा कर कनाडा के रिचर्डसन इंटरनेशनल से कनोला के आयात पर बैन लगा दिया था। उस समय संभावना जताई गई कि कनाडा सरकार के चीन की हुआवे कंपनी के सीएफओ को गिरफ्तार करने के जवाब में ये बैन लगाया गया।

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'नियमों के उल्लंघन पर लगा बीफ पर बैन'

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को कहा कि कस्टम की जांच में निरीक्षण और क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन पाए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया से बीफ के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। झाओ ने इसके बाद कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच पर चीन की सफाई दी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग की पूरी टिप्पणी को सावधानीपूर्वक पढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि इस बैन का ऑस्ट्रेलिया की जांच की मांग से कोई संबंध नहीं है।

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