चीन का झटका: इस देश की जमीन पर किया कब्जा, बना डाली 9 इमारतें
चीन अपने पड़ोसी देशों में लगातार विस्तारवादी नीति पर अमल कर रहा है और उसका चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हुआ है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: चीन के साथ दोस्ती बढ़ाने में जुटे नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को चीन की विस्तारवादी नीति के कारण भारी झटका लगा है। चीन अपने पड़ोसी देशों में लगातार विस्तारवादी नीति पर अमल कर रहा है और उसका चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हुआ है। चीन ने पड़ोसी देश नेपाल की जमीन पर कब्जा करने के साथ ही उस पर अवैध रूप से नौ इमारतें भी खड़ी कर डाली हैं। मजे की बात यह है कि जिस स्थान पर इन इमारतों का निर्माण किया गया है वहां चीनी सैनिक अब नेपाली नागरिकों को ही नहीं आने दे रहे हैं।
अब चीन जमीन को बताने लगा अपनी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने नेपाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। नेपाल सरकार को भरोसे में लिए बिना चीन ने उसके सीमावर्ती हुमला जिले में घुसकर जमीन पर कब्जा कर लिया है। चीन ने हुमला जिले के लीमी गांव के लेप्चा इलाके में नौ इमारतों का निर्माण भी करा डाला है।
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इन इमारतों के निर्माण के बाद चीनी सैनिक इसे अपनी जमीन बता रहे हैं। चीन ने अब इस इलाके में नेपाली नागरिकों को भी घुसने से रोक दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक जिस स्थान पर इमारतों का निर्माण किया गया है वह चीन-नेपाल सीमा पर स्थित है और नेपाल की सीमा में करीब दो किलोमीटर अंदर है। इसके बावजूद चीन की ओर से इस इलाके का अपनी जमीन बताया जा रहा है।
ऐसे हुआ घुसपैठ का खुलासा
लेप्चा के सरपंच विष्णु बहादुर लामा का कहना है कि वे सीमावर्ती इलाके में घूमने के लिए निकले थे। लेकिन चीनी सैनिकों ने लीमी गांव में घुसने से उन्हें रोक दिया। लामा ने अपने मोबाइल से चीनी इमारतों की तस्वीरें भी खींची हैं।
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पिछले साल चीनी पक्ष की तरफ से लीमी और लेप्चा के बीच सड़क का निर्माण किया जा रहा था। उस समय सिर्फ तीन भवनों का आधार खड़ा किया गया था मगर नेपाल के विरोध जताने के बाद निर्माण कार्य पर रोक लग गई थी। लेकिन अब चीन की ओर से इस इलाके में नौ इमारतों का निर्माण करा लिया गया है।
नेपाल सरकार ने टीम को मौके पर भेजा
अभी तक नेपाल सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक नेपाली सुरक्षाबलों और सर्वे विभाग के अधिकारियों को उस इलाके में भेजा गया है जहां चीनी सेना की ओर से इमारतें बनाई गई हैं। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने नेपाली क्षेत्र पर कब्जे की घटना को अंजाम दिया है।
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दो महीने पहले चीन ने नेपाल के गोरखा जिले में रुई गांव पर कब्जा कर लिया था। नेपाल के कृषि मंत्रालय की हाल में जारी की गई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन ने कम से कम 11 जगहों पर नदियों का रास्ता बदलकर उसकी जमीन पर कब्जा किया है।
चीन से दोस्ती बढ़ाने में जुटे हैं ओली
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली इन दिनों चीन के साथ लगातार दोस्ती बढ़ाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों जब नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में उनके खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद हुआ था तो चीन ने उनकी कुर्सी बचाने की भरपूर कोशिश की थी। नेपाल के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले पुष्प कमल दहल प्रचंड की अगुवाई में एक गुट ने ओली के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी।
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विपरीत स्थितियों में चीन की ओर से ओली को काफी मदद मिली थी। नेपाल के अंदरूनी मामलों में इन दिनों चीन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। ओली के भारत विरोधी रवैये के पीछे भी चीन का ही हाथ बताया जा रहा है। अब चीन की ओर से नेपाली जमीन पर कब्जे की घटना को ओली के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।