चीन की दरिंदगी: खत्म कर रहा मुस्लिमों का वजूद, मचा दी उथल-पुथल

पूरी दुनिया को तबाही के कगार पर लाने वाला चीन अपने देश के अंदर भी उथल-पुथल मचाए हुए है। अपने देश में खतरनाक अभियान छेड़ते हुए संस्कृति से खिलवाड़ कर रहा है। वैसे तो चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों के बारे में पूरी दुनिया जानती है।

Update:2020-09-26 16:57 IST
पूरी दुनिया को तबाही के कगार पर लाने वाला चीन अपने देश के अंदर भी उथल-पुथल मचाए हुए है। अपने देश में खतरनाक अभियान छेड़ते हुए संस्कृति से खिलवाड़ कर रहा है।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया को तबाही के कगार पर लाने वाला चीन अपने देश के अंदर भी उथल-पुथल मचाए हुए है। अपने देश में खतरनाक अभियान छेड़ते हुए संस्कृति से खिलवाड़ कर रहा है। वैसे तो चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों के बारे में पूरी दुनिया जानती है। वहीं इसी कड़ी में एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि किस तरह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने उइगर मुस्लिमों की संस्कृति को मिटाने और उनके इतिहास को खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं।

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बड़ी संख्या में इमारतें गायब

ताजा मिली रिपोर्ट में शिनजियांग डेटा प्रॉजेक्ट में इस अभियान की पोल पूरी तरह से खोली गई है। साथ ही नेथन रूजर, जेम्स लीबोल्ड, केल्सी मुनरो और तीला होजा ने इस प्रॉजेक्ट रिपोर्ट में दावा किया है कि शिनजियांग प्रांत में 16000 मस्जिदों को या तो पूरी तरह गिरा दिया गया या उनके गुंबद गिरा दिए गए और क्षतिग्रस्त कर दिया गया। वहीं शिनजियांग की 1000 सांस्कृतिक महत्व वाली साइट्स पर नजर डाली गई और पता चला कि उनमें से बड़ी संख्या में इमारतें गायब हैं। जिनका अता-पता नहीं है।

फोटो सोशल मीडिया

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इतिहास से अलग किया जा सके

सात ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में हुई कार्रवाई में न सिर्फ 10 लाख से ज्यादा उइगरों को हिरासत में लिया गया बल्कि उनकी संस्कृति और पहचान पर हमला किया गया। इसे सांस्कृति नरसंहार का नाम दिया गया है जिसके तहत उइगर मुस्लिमों के धार्मिकस्थलों और गैर-हान सार्वजनिक स्थलों को मिटा दिया गया।

ऐसे में नेथन के अनुसार उइगर के एक अकैडेमिक ने बताया है कि संस्कृति को मिटाने का अभियान सोची-समझी कोशिश है जिससे लोगों को उनके इतिहास से अलग किया जा सके। रिपोर्ट के हिसाब से 2016 में आक्सू प्रीफेक्टर के डेप्युटी सेक्रटरी ने सरकारी निकायों से कहा था- 'लोगों को गाइड करने में समय न बर्बाद करें, उनके रिवाज बदलें, पिछड़े, रुढ़िवादी रिवाजों को बंद करें।'

साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी आकलन किया गया है कि अक्सू में कम से कम 400 कब्रिस्तानों का अपवित्रीकरण कर उनकी जगह दूसरे ढांचे खड़े कर दिए गए हैं। वहीं 2015 में एक पार्टी अधिकारी और CCP अधिकारी ने यह भी कहा था, 'शिनजियांग में धार्मिक गतिविधियों के लिए जरूरी मस्जिदों से ज्यादा हैं।'

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केवल एक परिवार को छोड़ा गया

इस बारे में उन्होंने मस्जिदें गिराने की सलाह दी थी और रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि 8,500 मस्जिदें गिराई जा चुकी हैं। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वक्त शिनजियांग में सांस्कृतिक क्रांति (Cultural Revolution) के बाद से पहली बार इतनी कम मस्जिदें हैं। साथ ही ये भी आशंका जताई है कि जो मस्जिदें अभी मौजूद हैं, वहां भी लोग प्रार्थना करने नहीं जाते हैं।

यहां केवल मस्जिदें ही नहीं, बल्कि मजारों और दूसरे सांस्कृतिक स्थलों को भी नहीं छोड़ा गया है। ऐसी 50% जगहों को भी ढहा दिया गया है जो आधिकारिक रूप से संरक्षित थीं। 2017 में सरकार ने 20 किमी के इलाके में बुलडोजर चलाकर सब ढहा दिया, जबकि यहां कोई नहीं जाता था।

इनमें केवल एक परिवार को छोड़ा गया। ये वो परिवार हैं जो सरकार को वहां आने-जाने वालों के बारे में जानकारी देने का काम करता था। रिपोर्ट के लिए 284 मजारों को लोकेट किया गया और उनमें से 165 को या तो ढहा दिया गया था या नुकसान पहुंचाया गया था।

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