चीन की बड़ी साजिश, सीमा से जुड़े अहम ठिकानों पर बना रहा मिसाइल बेस
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी दो स्थानों पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सुविधाएं विकसित करने की कोशिश में जुटी हुई है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अड़ियल रवैया अपनाने के साथ ही चीन शातिर चालें चलने में भी जुटा हुआ है। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि वह भारत से लगने वाली सीमा पर मिसाइल बेस तैयार करने में जुटा हुआ है। इन तस्वीरों से पता चला है कि चीन दो नए एयर डिफेंस पोजीशन तैयार कर रहा है। इन दोनों मिसाइल बेस के जरिए चीन मई में भारत और चीन के बीच भिड़ंत वाली जगह सहित डोकलाम और सिक्किम के विवादित स्थानों को भी निशाना बनाने में सक्षम हो जाएगा।
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सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा
सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दो स्थानों पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सुविधाएं विकसित करने की कोशिश में जुटी हुई है। ये दोनों स्थान सिक्किम के विपरीत तरफ हैं।
इन दोनों स्थानों पर मिसाइल की सुविधाएं विकसित करने के पीछे चीन की शातिर चाल है और वह भारत के खिलाफ एक बार फिर गहरी साजिश करने में जुटा हुआ है।
चीन के लिए आसान होगा निशाना साधना
जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से विकसित किया जा रहे दोनों मिसाइल बेस एयर डिफेंस फैसिलिटीज से लैस है। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों बेसों के जरिए चीन अपने संभावित लक्ष्य को और सटीक तरीके से चुनने के साथ ही नष्ट करने में सक्षम होगा। ट्विटर पर एक एनालिस्ट ने ग्राफिक पोस्ट करने के साथ जानकारी दी है कि मिसाइल बेस का निर्माण करने के साथ ही चीन भारत के साथ लगने वाली सीमा पर एयर डिफेंस के विस्तार की कोशिशों में भी जुटा हुआ है।
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डोकलाम के पास है चीनी मिसाइल बेस
चीनी सेना की ओर से विकसित किए जा रहे मिसाइल बेस डोका पास से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर बताए जा रहे हैं। यह स्थान उस डोकलाम पठार के नजदीक हैं जहां पर भारत और चीन के बीच 2017 में विवाद हुआ था। डोकलाम में भारत और चीन के बीच पैदा हुआ विवाद 73 दिनों तक चला था और दोनों देश एक-दूसरे के सामने आ गए थे। ट्विटर पर साझा किए गए ग्राफिक्स के अनुसार चीन का एक मिसाइल बेस भारत,भूटान व चीन सीमा के ट्राई जंक्शन के पास स्थित है। दूसरा बेस सिक्किम के विपरीत दिशा में चीनी क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
चीन की दोहरी चाल
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच विवाद को सुलझाने की तमाम कोशिशें अभी तक विफल साबित हुई हैं। सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत में किए गए वादे के मुताबिक चीन ने अभी तक अपने सैनिकों को पीछे नहीं हटाया है।
सही बात तो यह है कि चीन दोहरी चाल चलने की कोशिश में जुटा हुआ है। एक ओर वह बातचीत जारी रखकर विवाद को हल करने का दिखावा कर रहा है तो दूसरी ओर एलएसी पर तनाव बढ़ाने की साजिश में भी जुटा है। यही कारण है कि भारतीय सेना एलएसी पर पूरी तरह सतर्क है और चीन की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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