हिंसा से हिली दुनिया: लॉकडाउन पर भड़क उठे लाखों लोग, सरकार की हालत हुई खराब
दोबारा लगे लॉकडाउन की वजह से तमाम यूरोपीय देशों में लोगों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया है। साथ ही सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आर्थिक संकट की आशंकाओं ने वहां लोगों को सड़कों पर उतरने का आवाह्रन कर रहे हैं।
नई दिल्ली। यूरोपीय देशों ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में वहां के नागरिकों को सरकार का ये फैसला बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा है। सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़कों पर लोग उतर आए हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
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कोरोना के मामले बढ़ते
ऐसे में दोबारा लगे लॉकडाउन की वजह से तमाम यूरोपीय देशों में लोगों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया है। साथ ही सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आर्थिक संकट की आशंकाओं ने वहां लोगों को सड़कों पर उतरने का आवाह्रन कर रहे हैं।
देशों में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में ग्रसित देशों के अस्पतालों और आईसीयू ( गहन देखभाल इकाई) में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और स्पेन सहित देशों ने एक बार फिर से आंदोलन और ऐसे आयोजनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
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साथ ही यूरोप में लोग लॉकडाउन में प्रतिबंधों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला और षड्यंत्रकारी सिद्धांत के रूप में देख रहे हैं। वहीं सरकार के फैसले पर कह रहे हैं कि वायरस का बहाना एक धोखा है। तंगी के हालातों को देखते हुए व्यवसायी और श्रमिक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
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हिंसक विरोध प्रदर्शन
संक्रमण के प्रति सरकारों की प्रतिक्रिया और फैसले लोगों में असहनशील असंतोष को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में भी लॉकडाउन की वजह से सुस्त आर्थिक परिणामों से लोग डर हुए हैं। ऐसे में यूरोपीय संघ के देशों में इटली के लिए ये साल सबसे मुश्किल भरा रहा है। वहां लॉकडाउन के फैसले के खिलाफ एक हफ्ते से अधिक समय तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए क्योंकि सरकार ने सिनेमाघरों, थिएटरों और रेस्टोरेंट को बंद करने के फैसले के खिलाफ लोग बेहद आक्रोशित दिखाई दे रहे थे।
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